
लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती आज लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक कर रही हैं। बैठक में प्रदेशभर से आए वरिष्ठ नेताओं, जिला अध्यक्षों, समन्वयकों और प्रमुख पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक का उद्देश्य 9 अक्टूबर को आयोजित ‘कांशीराम जी की 19वीं पुण्यतिथि पर महासंकल्प रैली’ की सफलता की समीक्षा और पार्टी की आगामी संगठनात्मक रणनीति को अंतिम रूप देना है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब समय आ गया है कि बसपा अपने मूल सामाजिक आधार को पुनः मजबूत करे और बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय किया जाए।
दिलचस्प बात यह रही कि आकाश आनंद इस बैठक में उपस्थित नहीं रहे। वह इस समय बिहार दौरे पर हैं, जहां वे पार्टी के विस्तार और संभावित गठबंधनों को लेकर विभिन्न बैठकों में शामिल हो रहे हैं। हालांकि, मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश आनंद पूरे प्रदेश में जनसभाओं के माध्यम से संगठन को सक्रिय करेंगे और बसपा के जनाधार को पुनः व्यापक बनाएंगे।
बैठक में यह भी तय किया गया कि पार्टी आने वाले समय में मुस्लिम, अति पिछड़े, दलित और ब्राह्मण समुदायों को भाईचारा कमेटियों के ज़रिए जोड़ने पर विशेष ध्यान देगी। इसके लिए जिला और मंडल स्तर पर नई टीमों का गठन किया जाएगा ताकि समाज के सभी वर्गों तक पार्टी का संदेश पहुंच सके।
मायावती ने कहा कि “बसपा का उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज में समानता, न्याय और सम्मान की भावना को सशक्त करना है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से जनसंपर्क अभियान को तेज़ करने और सोशल मीडिया पर पार्टी की नीतियों को व्यापक रूप से प्रसारित करने का आह्वान किया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह बैठक बसपा के लिए 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने वाली मानी जा रही है। पार्टी की रणनीति इस बार संगठनात्मक एकजुटता, भाईचारा विस्तार और आकाश आनंद की सक्रिय भूमिका के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई दे रही है।