सीबीआई है तो सच है और सच की उम्मीद है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को लेकर जनमानस में यही धारणा है। यह सच है कि जब भी किसी पेचीदा मामले की तह तक जाने के सारे रास्ते बंद हुए, तब इसी जांच एजेंसी ने अंधेरे में उम्मीद की लौ भी जलाई है।
अपने गठन के बाद से ही इस जांच एजेंसी ने बेहतरीन उपलब्धियों का एक लंबा सफर तय किया है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का मामला हाथ में आते ही सीबीआई की टीम ने जिस तत्परता से अपना काम शुरू किया है, उससे सुशांत को न्याय मिलने की उम्मीदें जग गई हैं।
सीबीआई को भी इस केस की पेचीदगियों का इल्म था, लिहाजा देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने 16 सदस्यीय टीम गठित कर सच खंगालने में जुट गई है।
तेजतर्रार पुलिस अफसरों की ये टीम आईपीएस अधिकारी मनोज शशिधर के नेतृत्व में काम कर रही है। जांच के पहले ही दिन कई ऐसी बातें सामने आई, जिससे लोगों को सुशांत के खुदकुशी करने की बात पर शक गहराने लगा है।
साथ ही इस पूरे मामले में कई हाईप्रोफाइल लोगों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सीबीआई पर बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है। मुंबई पुलिस अगर चाहती तो ये मामला सुलझा सकती थी, लेकिन उसने पूरे मामले में अब तक जो हीलाहवाली की है, उससे देश में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस के समकक्ष मानी जाने वाली मुंबई पुलिस की प्रतिष्ठा नि:संदेह धूमिल हुई है।
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घटना के दो महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद हालांकि कई अहम सबूत नष्ट हो चुके होंगे, या फिर नष्ट कर दिए गए होंगे। ऐसे में सीबीआई को इस मामले को सुलझाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी। हालांकि सीबीआई ने पहले दिन से ही कडिय़ों को जोडऩा शुरू कर दिया है।
सीबीआई के पहले दिन की जांच में जो बातें अब तक निकलकर सामने आई है, उससे इतना तो साफ है कि ये मामला उतना आसान नहीं है, जितना समझा जा रहा था। जांच के पहले दिन सीबीआई की टीम ने बांद्रा पुलिस स्टेशन जाकर सुशांत केस से जुड़े सारे दस्तावेज ले लिए हैं।
साथ ही इस केस में अब तक दर्ज किए गए बयानों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जुटाए गए तमाम सबूत, फॉरेंसिक सबूत का हैंडओवर लिया गया है। इसके अलावा सुशांत के घर के सीसीटीवी फुटेज भी जब्त कर लिए गए हैं।
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उधर सीबीआई की एक टीम मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ भी शुरू कर चुकी है, लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल सुशांत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर सामने आ रहा है।
जांच एजेंसी को शक है कि या तो पोस्टमार्टम ठीक से नहीं हुआ या फिर रिपोर्ट में कहीं-न-कहीं कोई गड़बड़ी है। ऐसे में तमाम चुनौतियों के बावजूद अगर सीबीआई मामले से जुड़े तमाम उलझी कडिय़ों को जोडऩे में कामयाब हो जाती है तो असली गुनहगार सलाखों के पीछे होंगे।