लखनऊ. सपा सरकार मे गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सी बी आई ने सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और वरिष्ठ सहायक राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया है। (अथर्व रस्तोगी की रिपोर्ट)
सीबीआई ने शुक्रवार के दिन दोनों को कोर्ट में पेश करके चार दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड भी ली है। इन दोनों से अब घोटाले के संबंध में गहरी पूछताछ सी बी आई करेगी|
आपको बता दें कि सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने यू पी सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 को दूसरा मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले मे सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं।
सीबीआई ने सिंचाई विभाग से हासिल प्रपत्रों की जहां एक तरफ जांच की थी वही कुछ आरोपियों से पूछताछ भी की थी | आपको बता दें प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2017 को इस घोटाले की न्यायिक जांच भी कराई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी |
बता दें कि 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया था।
बाद में यह जांच सीबीआई को दे दी गयी थी । सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित काम को पूरा कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई|
शरुआती जांच मे सामने आया कि प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी पैसे की बंदरबांट की गई । प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये व्यय हो जाने के बाद भी 60 फीसदी काम पूरा नहीं हो पाया था। साथ ही साथ ये भी आरोप है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था वो पहले से डिफाल्टर कंपनियों की श्रेणी में थी।
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