सीडीओ के औचक निरीक्षण ने बेहजम में मचाई खलबली, बीडीओ कार्यालय से लेकर सीएचसी तक मिली अव्यवस्थाएँ

मितौली, खीरी। शुक्रवार को बेहजम क्षेत्र में सीडीओ अभिषेक कुमार के औचक निरीक्षण ने प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा दिया। अचानक बीडीओ कार्यालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचे सीडीओ ने हालात देख कर नाराजगी जताई और कई अनियमितताएँ सामने आईं।

बीडीओ कार्यालय में खामियाँ

निरीक्षण के दौरान बीडीओ कार्यालय में अधिकांश कर्मचारी उपस्थित पाए गए, जबकि कई अन्य अपने ड्यूटी रोस्टर के अनुसार अन्य विकास खंडों में थे। यह जाँच जिओटैग फोटो के माध्यम से भी की गई।

मनरेगा और आवास योजनाओं के अभिलेख अधूरे पाए गए।

जॉब कार्ड प्रगति धीमी मिली, सीडीओ ने कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

NRLM कार्यालय की छत जर्जर पाई गई, तत्काल मरम्मत का आदेश दिया गया।

सभागार में स्पीकर तो लगाया गया था, लेकिन माइक नहीं था, जिसे गंभीर लापरवाही करार दिया गया।

परिसर में कुएँ का जीर्णोद्धार अधूरा पाया गया।

सीडीओ ने जेई सुरेंद्र कुमार और ग्राम विकास विभाग को फटकार लगाते हुए सभी लंबित कार्यों को समयबद्ध पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

सीएचसी बेहजम में गंभीर लापरवाही

सीडीओ ने सीएचसी बेहजम के रजिस्ट्रेशन कक्ष, लेबर रूम, दवाइयाँ और वैक्सीन की उपलब्धता की जांच की।

डिलीवरी के केवल छह घंटे बाद प्रसूता और नवजात को डिस्चार्ज किया जा रहा था, बिना जीरो डोज टीकाकरण के।

सीडीओ ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए एमओआईसी डॉ. अनिल कुमार वर्मा को निर्देश दिया कि प्रसूता और नवजात को कम से कम 48 घंटे अस्पताल में रखा जाए।

साफ-सफाई और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के भी आदेश दिए।

सीडीओ ने संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि विकास और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है। सभी विभागीय अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर सुधार कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया।

निरीक्षण के दौरान पीडी डीआरडीए सोमनाथ चौरसिया, बीडीओ बेहजम शरद कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।