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केंद्र और किसानों की बातचीत बेनतीजा, कृषि मंत्री ने क्‍या कहा- Amar Bharti Media Group राजनीति

केंद्र और किसानों की बातचीत बेनतीजा, कृषि मंत्री ने क्‍या कहा

नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं की बीच गुरुवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही है. दोनों पक्षों के बीच अगली बातचीत अब 5 दिसंबर को होगी.  बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”2-3बिंदुओं पर किसान को चिंता है. सरकार खुले मन से चर्चा कर रही है. आज किसानों से अच्छे माहौल में बातचीत हुई.”

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC ख़त्म हो जाएगी. भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर और विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है. इस पर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है.” उन्होंने कहा कि लोगों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर शंका है. मैं यह दोहराना चाहूंगा कि एमएसपी प्रणाली जारी रहेगी और हम किसानों को इसके बारे में आश्वस्त करेंगे.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “आज बैठक का चौथा चरण समाप्त हुआ है. परसों (5 दिसंबर) दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे.”

इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और पंजाब से सांसद एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.

1 दिसंबर की बातचीत भी रही थी बेनतीजा

बता दें नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक दिसंबर को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी.

सरकार ने कानून निरस्त करने की मांग अस्वीकार कर दी थी और किसान संगठनों से कहा था कि वे हाल में लागू कानूनों संबंधी विशिष्ट मुद्दों को चिह्नित करें और बृहस्पतिवार को चर्चा के लिए दो दिसंबर तक उन्हें जमा करें.

सरकार का कहना है कि सितंबर में लागू किए गए ये कानून बिचौलियों की भूमिका समाप्त करके और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की अनुमति देकर कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार करेंगे, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों को आशंका है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीदारी प्रणाली को समाप्त कर देंगे और मंडी प्रणाली को अप्रभावी बना देंगे. प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को मांग की कि केंद्र संसद का विशेष सत्र बुलाकर नए कानूनों को रद्द करे.