निजामपुर गांव का चकमार्ग बना तालाब, जिम्मेदार अनजान

फतेहपुर (बाराबंकी)।
ग्राम पंचायत नन्दरसी मजरे निजामपुर गांव का मुख्य चकमार्ग इन दिनों तालाब में तब्दील हो चुका है, लेकिन जिम्मेदारों को इसकी सुध नहीं है। रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ की भरमार ने ग्रामीणों का आना-जाना दूभर कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस रास्ते की पटाई कागजों में पहले ही कर दी गई है और मजदूरों की हजारी लगाकर बिना काम के भुगतान भी निकाल लिया गया है।

ग्रामीणों ने जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी को शिकायत पत्र देकर जांच और कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में बताया गया कि गांव के बाहर छत्रपाल यादव के घर से प्रेमचंद्र वर्मा के खेत तक का चकमार्ग बेहद जर्जर है और वर्षों से इसकी मरम्मत नहीं हुई है। जब वर्तमान प्रधान हरिनाम गौतम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि चकमार्ग की पटाई के लिए स्टीमेट बनवाने हेतु ब्लॉक फतेहपुर से संपर्क किया गया है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जुलाई 2021 में तत्कालीन प्रधान रामनिवास द्वारा इस चकमार्ग पर मस्टररोल भरकर मनरेगा के तहत पटाई कार्य दिखाया गया, जबकि मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ। करीब 221 मजदूरों की फर्जी हजारी लगाकर ₹45,084 का भुगतान कर लिया गया। शिकायत में यह भी कहा गया कि कार्य के दौरान न तो सीआईबी (कार्य प्रारंभ की सूचना) लगाई गई और न ही ग्रामीणों को जानकारी दी गई।

गांववालों का कहना है कि यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि उनके अधिकार और रोजमर्रा की ज़िंदगी से भी जुड़ा है। बरसात में यह चकमार्ग पूरी तरह कीचड़ और जलभराव में डूब जाता है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों, किसानों और वृद्धों को भारी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से फर्जी भुगतान की जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।