
नगर के चौकी चौराहे पर देर रात कपड़ा ठेले वालों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। रात के अंधेरे में कपड़ा ठेला लगाने के बहाने कुछ लोग महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ जैसी शर्मनाक हरकतें कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, रात करीब 12 बजे के बाद जब सभी दुकानें बंद हो जाती हैं, तब ये ठेले वाले सड़क किनारे सक्रिय हो जाते हैं और राहगीरों, खासकर नेपाली महिलाओं को परेशान करते हैं।
ग्रामीणों और दुकानदारों का कहना है कि इन ठेले वालों का असली उद्देश्य कपड़ा बेचना नहीं, बल्कि चोरी और ठगी करना है। कई बार बसों से उतरने वाले नेपाली यात्रियों के मोबाइल, बैग और पैसे चोरी हो जाने की शिकायतें सामने आई हैं। अगर कोई विरोध करता है तो ठेले वाले मौके से भाग निकलते हैं।
चश्मदीदों का कहना है कि ये ठेले वाले पुलिस गश्त पर लगातार नजर रखते हैं। जैसे ही पुलिस वाहन आगे बढ़ता है, ये लोग तुरंत अपना ठेला सड़क पर लगा लेते हैं और अंधेरे का फायदा उठाकर यात्रियों को निशाना बनाते हैं। कई बार महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करने की घटनाएं भी हो चुकी हैं।
स्थानीय दुकानदारों ने सवाल उठाया है कि जब रात में सभी दुकानें बंद रहती हैं, तो इन ठेले वालों को रात 12 बजे ठेला लगाने की अनुमति आखिर किसने दी है। उनका कहना है कि पुलिस को इस पर तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
नेपाली यात्रियों की ओर से मोबाइल और बैग चोरी की कई शिकायतें पुलिस को दी जा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों का आरोप है कि पुलिस के कुछ पुराने जवान इस मामले में उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं।
नगर के नागरिकों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि चौकी चौराहे पर देर रात लगने वाले इन अवैध ठेलों को तत्काल हटाया जाए और नियमित गश्त बढ़ाई जाए, ताकि महिलाओं की सुरक्षा और सार्वजनिक शांति बनी रह सके।