व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य, आस्था से गूंजा हनुमान सरोवर तट

बहराइच। रुपईडीहा स्थित हनुमान सरोवर तट सोमवार शाम श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा, जब सैकड़ों व्रती महिलाओं ने आस्था और विश्वास के साथ अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। परिवारों के साथ महिलाओं ने छठ महापर्व की पारंपरिक विधि से पूजा-अर्चना कर सूर्यदेव से सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की।

शाम चार बजे से ही सरोवर तट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। परिवार के पुरुष सिर पर पारंपरिक डाला उठाए पहुंचे, जिसमें मौसमी फल, गन्ना, बिजौरा नींबू, मूली, शलजम, अदरक, ठेकुआ, गुलगुले, पूड़ी, गुड़, मिष्ठान और हल्दी जैसी पूजन सामग्री सजाई गई थी।

कार्यक्रम में पूर्व सांसद अछैवर लाल गोंड ने समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मदेशिया और कोषाध्यक्ष रिंकू अवस्थी सहित आयोजन समिति के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “छठ पर्व मातृशक्ति की आस्था और अनुशासन का अद्भुत उदाहरण है। आज हजारों महिलाएं इस पावन तट पर पूजा में लीन हैं, यह दृश्य स्वयं में प्रेरणादायक है।”

अर्घ्य से पूर्व डॉक्टर्स एसोसिएशन रुपईडीहा के अध्यक्ष डॉ. सनत कुमार शर्मा ने कहा कि “भारत त्योहारों और पर्वों का देश है, और छठ पूजा हमारी परंपरा और प्रकृति के प्रति आस्था का प्रतीक है।” उन्होंने सभी को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं।

नगर पंचायत रुपईडीहा के चेयरमैन डॉ. उमाशंकर वैश्य ने कहा कि “सूर्य उपासना की परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। महाराज कर्ण ने भी सूर्यदेव की साधना से कवच-कुंडल और दिव्य अस्त्र प्राप्त किए थे।” उन्होंने घोषणा की कि “अगले वर्ष तक सरोवर के मध्य भगवान सूर्य सहित देवी-देवताओं का मंदिर बनाया जाएगा और जो सीढ़ियाँ अधूरी हैं उनका निर्माण भी पूरा कराया जाएगा।”

छठ महोत्सव में आचार्य दयाशंकर शुक्ल, देवी प्रसाद मदेशिया और एस.के. मदेशिया सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे और अतिथियों को शुभकामनाएं दीं।