- बाल भिक्षुओं के साथ अभिभावकों का भी संवरेगा भविष्या, महिलाओं व पुरूषों को रोजगार देगी सरकार
लखनऊ। भीख मांगने वाले नन्हे हाथों में अब कटोरा की जगह किताबें होगीं। इतना ही नहीं उनके माता-पिता के भी दूर दिन दूर होंगे। दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाल भिक्षुओं को शिक्षा की दिशा में प्रेरित करने और उनके माता-पिता को रोजगार देने का बीणा उठाया है। मुख्योमंत्री योगी आदित्यरनाथ ने प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति रोकने व बाल भिक्षुओं को सबल बनाने के लिए विशेष अभियान को शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह अभियान दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बन रहा है। इस बाबत राज्यक बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यकक्ष डॉ विशेष गुप्ताअ ने बताया कि प्रदेश में कुछ लोगों द्वारा जबरन बच्चों से उनका बचपन छीन कर चौक-चौराहों पर भीख मंगवाने का काम कराया जा रहा है। जिससे एक ओर बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर वो शोषण का शिकार भी हो रहे हैं। बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए इस वृहद अभियान में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, विशेष पुलिस ईकाई, बाल कल्याोण पुलिस अधिकारी, एएचटीयू, जीआरपी, श्रम, विधिक सेवा, बाल कल्या ण समिति व जिला प्रशासन समेत प्रदेश की एनजीओ मिलकर काम कर रहीं हैं। इस अभियान से बच्चों का भव्ष्यि संवरेगा तो वहीं उनको सीधे तौर पर सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा।
मिशन शक्ति के तहत प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के बच्चोंज को शिक्षा की मुख्यओधारा से जोड़ने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना से जोड़ा जाएगा। एक ओर बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग की जाएगी तो वहीं दूसरी ओर इन सभी बच्चोंख का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में कराया जाएगा। आयोग के अध्यगक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि अब तक प्रदेश के विभिन्नो जनपदों से लगभग 2,500 बाल भिक्षुक बच्चोंय का चिन्हित किया जा चुका है। प्रदेश के बाल भिक्षुक परिवार के लोगों को भी सरकारी योजनाओं से जोड़ सीधे तौर पर लाभान्वित किया जाएगा। बाल भिक्षुओं के इन अभिभावकों को आर्थिक तौर पर सहायता देने के उद्देश्यक से एक ओर महिलाओं को कौशल विकास योजना से जोड़ा जाएगा तो वहीं पुरूषों को मनरेगा से जोड़ उनको रोजगार की मुख्युधारा से जोड़ने का काम प्रदेश स्त्र पर किया जाएगा।