Ladakh: लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड सावधान रहिए, क्योंकि चीन एक और ‘ऑपरेशन’ में जुट चुका है, एक ऐसा ऑपरेशन जो सीमा पार से हमारी सुरक्षा, रणनीति और संसाधनों तीनों पर खतरा बन सकता है। चीन ने शुरू कर दिया है ‘रेलवे मिशन’, जो LAC के बेहद पास से गुज़रेगा।
Ladakh: LAC के पास चीन की रेलपथ साजिश!
तिब्बती एक्सपर्ट्स कह रहे हैं ‘भारत तुरंत सतर्क हो जाए क्योंकि ये सिर्फ रेलवे नहीं, एक बड़ी रणनीतिक चाल है, चीन ने तिब्बत में एक नया रेलवे प्रोजेक्ट शुरू किया है, जो मध्य तिब्बत से होते हुए पश्चिमी सीमा तक जाएगा, ये रेलवे लाइन डेमचोक से सिर्फ 20-30 किलोमीटर दूर गुज़रेगी, यानी भारत की सीमा के एकदम सामने।
नाम दिया गया है “ल्हासा-शिगात्से-न्गारी रेलवे प्रोजेक्ट” बीजिंग इस पूरे प्रोजेक्ट को ‘कनेक्टिविटी मिशन’ बता रहा है, लेकिन असल में ये प्रोजेक्ट PLA यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के मूवमेंट को और आसान बनाएगा। तिब्बत पॉलिसी इंस्टिट्यूट के स्कॉलर त्सेवांग दोर्जी के मुताबिक ‘चीन के नए रेलवे और हाइवे प्रोजेक्ट सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं
ये सुरक्षा गतिविधियों का हिस्सा हैं।’ उन्होंने कहा है, अरुणाचल सेक्टर में चीन पहले ही जल संसाधनों पर कब्ज़ा कर चुका है, अब लद्दाख और उत्तराखंड से सटी सीमा पर रेलवे बनाना उसी विस्तारवादी प्लान का हिस्सा है।
एक्टिविस्ट तेंजिन त्सुंडु ने कहा , ‘यह रेलवे पश्चिमी तिब्बत से कैलाश पर्वत और अक्साई चिन होते हुए पूर्वी तुर्किस्तान तक जाएगी। और यही रूट भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा है। तिब्बती रिसर्चर दोर्जी का कहना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद चीन और भी अलर्ट हो गया है।
भारत की सक्रियता के जवाब में वो अब स्ट्रैटजिक रेलवे लाइन और हाईवे प्रोजेक्ट्स पर ज़ोर दे रहा है। बताया जा रहा है कि चीन की यह लाइन सिर्फ सैनिकों की तैनाती के लिए नहीं, बल्कि तिब्बत में मौजूद सोना, तांबा, लिथियम और यूरेनियम जैसे संसाधनों को निकालने के लिए भी बेहद अहम होगी।
तिब्बती एक्टिविस्ट्स का दावा है कि चीन की रेलवे भारत के हिमालयी बेल्ट के समानांतर बन रही है।नेपाल और उत्तराखंड के साथ चलती यह लाइन आने वाले वक्त में चीन को लॉजिस्टिक एडवांटेज देगी।जहां भारत की रेलवे योजनाएं अभी प्लानिंग स्टेज में हैं,वहीं चीन पांच साल में यह प्रोजेक्ट पूरा कर सकता है।
अगर ऐसा हुआ, तो भारत के लिए ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की रेस नहीं,बल्कि सुरक्षा संतुलन की सबसे बड़ी चुनौती बन जाएगी।, एक्सपर्ट्स मानते हैं यह रेलवे प्रोजेक्ट हिमालय क्षेत्र में चीन की पकड़ मजबूत करेगा, साथ ही भारत-तिब्बत सीमा पर पावर बैलेंस को बदल सकता है।
तिब्बत की जमीन से निकलने वाले प्राकृतिक संसाधनों और PLA की आसान पहुंच से,… चीन का वर्चस्व दक्षिण एशिया में और गहरा हो जाएगा। कुल मिलाकर, यह सिर्फ रेलवे नहीं, बल्कि हिमालय पर प्रभुत्व की जंग का ट्रैक है, तिब्बती एक्सपर्ट्स कह रहे हैं
भारत को अब सिर्फ सीमा पर नहीं, सीमा के पार भी नज़र रखनी होगी। क्योंकि ये रेलवे लाइन सिर्फ रेल का ट्रैक नहीं, बल्कि रणनीतिक इरादों का नक्शा है…जो सीधे भारत की सुरक्षा, संसाधनों और रणनीतिक भविष्य से जुड़ा है। तो सवाल है ,क्या भारत इस ‘रेलवे साजिश’ का जवाब तैयार कर रहा है,… या फिर ये ट्रैक आने वाले संकट की घंटी बन जाएगा
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