
चौमुंहा। ब्रह्मा जी की नगरी कस्बा चौमुंहा में रविवार शाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकाली गई। रामलीला परिसर से प्रारंभ होकर यह बारात बाजार, जुझार, दाऊद, मारूफ, होली चौराहा, थमु, मनी होते हुए महाराणा चौक पर संपन्न हुई।
आरती और तिलक से प्रारंभ हुई यह शोभायात्रा एकता और संस्कृति का चलता-फिरता रंगमंच बनकर कस्बावासियों को मंत्रमुग्ध करती रही। समूचा कस्बा दिव्य नगरी में तब्दील हो गया। फूलों से सजे रथों और झांकियों में विराजमान देव स्वरूपों तथा हजारों श्रद्धालुओं की गूंज ने वातावरण को अलौकिक बना दिया।
जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर बारात का भव्य स्वागत किया। नगर की महिलाओं ने मंगलगीत गाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। श्रीराम बारात का दृश्य किसी जीवंत कला प्रदर्शनी से कम नहीं था। फूलों की मालाओं और रंग-बिरंगी झालरों से सुसज्जित रथों की हर झांकी एक नई कथा का सजीव चित्रण कर रही थी।
पूरे कस्बे में “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंजते रहे। भगवान श्रीराम के साथ-साथ विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियां आकर्षण का केंद्र बनीं, जिनमें घोड़ों का नृत्य विशेष रहा।
श्रीराम-सीता विवाह के उपलक्ष्य में जनकपुरी को भव्य रूप से सजाया गया। दीप-प्रकाश, पुष्पों से सजे द्वार और रोशनी की जगमगाहट ने श्रद्धालुओं को बैकुंठ का आभास कराया। बारात संपन्न होने के बाद रामलीला परिसर में भगवान श्रीराम-सीता के स्वयंवर का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में स्थानीय पुलिस ने सक्रिय सहयोग देकर व्यवस्था को संभाले रखा। समिति अध्यक्ष भरत मोहन भारद्वाज, चेयरमैन प्रतिनिधि कारे बाबा, पिंकी सेठ, प्रेमचंद शर्मा, ज्वाला ताऊ, सत्यनारायण सेठ, विजय स्वामी, जयप्रकाश वार्ष्णेय, गोपाल वार्ष्णेय, माधव शर्मा, डोरीलाल, अवधेश ठाकुर, हरदयाल शर्मा सहित कई गणमान्यजन आयोजन को सफल बनाने में सहभागी रहे।