37 साल देश की सेवा करने वाले CISF जवान भीमसेन का निधन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

रुनकता। लोहकरेरा गांव में रविवार को मातम का माहौल छा गया, जब गांव के गौरव और CISF के जवान भीमसेन (56) का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास पहुंचा। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे भीमसेन का शनिवार देर रात दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया।

ग्रामीणों के अनुसार, भीमसेन वर्ष 1988 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में भर्ती हुए थे और लगभग 37 वर्षों तक देश की निष्ठापूर्वक सेवा की। वर्तमान में वे एएसआई के पद पर हरियाणा के झारली स्थित NTPC में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी रही।

रविवार सुबह जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो परिवार और ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। अंतिम संस्कार के दौरान CISF के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ सलामी देकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी।

अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, परिजनों, रिश्तेदारों और विभागीय अधिकारियों ने पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

भीमसेन अपने पीछे पत्नी और दो बेटों—रविनेश और नामित—को छोड़ गए हैं, जो अपने-अपने व्यवसाय देख रहे हैं। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और गांव के लोग उन्हें एक शांत, अनुशासित और कर्मठ व्यक्तित्व के रूप में याद कर रहे हैं।