लखनऊ। उप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में महज एक वर्ष शेष है। बीते चार सालों में कुपोषण की रोकथाम के लिए सरकारी कार्यक्रम और दावे महज कागजी साबित हुए हैं। नवजात शिशुओं को मिलने वाले पोषण के आंकड़े महज अफसरों की बाजीगरी है। सुधार के नाम पर तीन महीने से ऊपर नीचे पुराने आंकड़े ही किए जा रहे हैं ।
प्रदेश सरकार के अधिकारियों एवं मंत्रियों के भ्रष्टाचार के चलते सार्वजनिक वितरण प्रणाली बेलगाम हेा चुकी है और आईसीडीएस और आंगनबाड़ी जैसी योजनाएं सरकारी उदासीनता के चलते पंगु हो चुकी हैं। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों मात्र 16 प्रतिशत बजट इस पर खर्च हो पाया है।
जिसके चलते उप्र में बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुपोषण कीं सख्या में इजाफा हुआ है। प्रदेश में जितने भी कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं वह सिर्फ कागजी हैं। ये सभी अभियान सरकार व अधिकारियों की मिलीभगत की भेंट चढ़ रहे हैं। प्रदेश के कई जिले कुपोषण के चलते रेड जोन में आ चुके हैं। लेकिन सरकार और उसके मंत्री कागजी खेल में जुटे हुए हैं