झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार रात को सीएम काफिले पर पत्थर फेंके जाने की घटना को लेकर ढिलाई बरतने के मूड में नहीं हैं. ये पत्थर उस वक्त फेंका गया था जब सीएम सोरेन का काफिला सचिवालय से उनके घर की ओर लौट रहा था. सीएम के काफिले को तब बड़ा तालाब के रास्ते से पुलिस ने डायवर्ट किया था. इस मामले में दो थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि इस घटना के लिए जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. सोरेन के मुताबिक, “ये उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए सोची समझी साजिश थी. कानून अपना काम करेगा. ये सबके लिए बराबर है. ये पार्टी वगैरहा नहीं देखता. ये सबके लिए एक और बराबर है.”
इस बीच, मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. इसमें सीनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं. कमेटी से जल्द से जल्द विस्तरित रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक को लेकर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
एसएसपी सुरेंद्र झा के मुताबिक 65 लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. 40 लोग हिरासत में लिए गए हैं और 25 को जेल भेजा गया है. डीजीपी एमवी राव ने बुधवार को कोतवाली और सुखदेवनगर थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है. घटना के दौरान दोनों पुलिस पदाधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए यह कार्रवाई की गयी है.
इस प्रकरण को लेकर बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में जुबानी जंग भी जारी है. जेएमएम महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य का कहना है कि मुख्यमंत्री को चोट पहुंचाने के लिए सोची समझी साजिश के तहत ये हमला किया गया. वहीं बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी एमवी राव के बयान की आलोचना की है. डीजीपी ने कहा था कि दोषी से बहुत सख्ती से पेश आया जाएगा.
मरांडी ने झारखंड में रेप केसों के बढ़ने का हवाला देते हुए कहा, “एक साल में राज्य में ऐसी 1765 वारदात हुईं. लेकिन पुलिस ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाने की जगह आंदोलन करने वाले निर्दोष लोगों को निशाना बना रही है.”