नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में नए औद्योगिक क्षेत्रों में किसी विनिर्माण इकाई (Manufacturing Industry) को इजाजत नहीं दी जाएगी और वहां केवल सेवा तथा हाईटेक उद्योगों की इजाजत होगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) ने आज यह बात कही.
केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र ने इस मामले में दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को सेवा या हाईटेक उद्योग में परिवर्तन का विकल्प दिया जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवा उद्योग पर आधारित है. हाईटेक और सेवा उद्योग को औद्योगिक क्षेत्रों में सस्ती दरों पर जगह मुहैया कराई जाएगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोई भी नई इंडस्ट्रियल एक्टिविटी या कोई भी नया इंडस्ट्रियल एरिया बनेगा तो वहां पर केवल और केवल सर्विस इंडस्ट्री और हाईटेक इंडस्ट्री को इजाजत मिलेगी. अब दिल्ली में किसी भी नई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को खोलने की इजाजत नहीं मिलेगी.
केजरीवाल ने कहा कि ”आईटी, मीडिया, कॉल सेंटर, एचआर सर्विस, बीपीओ, टीवी वीडियो प्रोडक्शन, लॉयर, सीए, आर्किटेक्ट, मार्केट रिसर्च, प्लेसमेन्ट एजेंसी आदि को इजाज़त दी जाएगी. अभी तक यह सभी ‘ऑफिस’ कैटेगरी में आते थे और केवल कामर्शियल एरिया में खुल सकते थे.
कामर्शियल एरिया में रेट बहुत ज्यादा थे इसलिए वहां पर यह ऑफिस खुल नहीं पा रहे थे. सारे दफ्तर उठकर गुड़गांव, नोएडा और फरीदाबाद जा रहे थे. अब ये सस्ते रेट में इंडस्ट्रियल एरिया में आ सकेंगे.”
केजरीवाल ने कहा कि ”मैं समझता हूं कि अब दिल्ली से पॉल्यूशन करने वाली इंडस्ट्री खत्म होगी और हमारे इंडस्ट्रियल एरिया साफ-सुथरे और हरे-भरे बनेंगे.” उन्होंने कहा कि ”दिल्ली की इकॉनामी सर्विस आधारित है, मैन्युफैक्चरिंग आधारित नहीं है.
तीन-चार साल पहले हमने यह प्रस्ताव भेजा था और पिछले तीन चार महीने से हरदीप पुरी साहब के पीछे पड़ा हुआ था. निजी तौर पर हरदीप पुरी साहब का शुक्रिया करना चाहता हूं. उन्होंने यह ऐतिहासिक कदम दिल्ली के लिए उठाया और आने वाले समय में प्रदूषण को खत्म करने के लिए और दिल्ली को साफ सुथरा बनाने के लिए यह कदम बहुत निर्णायक कदम होगा.”