पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल जारी है. जहां कुछ वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) अपना असर दिखा रहीं हैं, वहीं कुछ वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी दिखना शुरू हो गए हैं. अब इस कड़ी में फाइजर वैक्सीन (Pfizer vaccine) का भी नाम जुड़ गया है.
अमेरिका के अलास्का शहर के दो लोगों ने जैसी ही फाइजर की वैक्सीन (COVID-19 vaccine) लगवाई, इनकी तबियत बस कुछ मिनटों में ही खराब होनी शुरू हो गई. ये दोनों हेल्थ केयर वर्कर्स हैं और एक ही अस्पताल में काम करते हैं.
पहली हेल्थ वर्कर एक मध्यम आयु वर्ग की महिला है, जिन्हे पहले से एलर्जी की कोई दिक्कत नहीं थी. वैक्सीन लेने के 10 मिनट के अंदर ही उनकी तबियत तेजी से बिगड़ने लगी. ये जानकारी जूनो के बार्टलेट रिजनल अस्पताल के एक अधिकारी ने दी. महिला के चेहरे और गले पर रैशेज हो गए, सांस लेने में तकलीफ होने लगी और दिल की धड़कनें तेज हो गईं.
अस्पताल के आपातकालीन विभाग के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर लिंडी जोन्स ने कहा कि महिला को पहले एलर्जी की दवा एपिनेफ्रीन की डोज दी गई. उनके लक्षण कम हो गए लेकिन कुछ समय बाद फिर से उभर आए. इसके बाद स्टेरॉयड और एक एपिनेफ्रीन ड्रिप देकर उनका इलाज किया गया. जब डॉक्टरों ने कुछ समय बाद ड्रिप रोकने की कोशिश की तो लक्षण फिर से दिखने लगे जिसके बाद उन्हें ICU में एडमिट करना पड़ा. रात भर निगरानी में रखने के बाद बुधवार की सुबह उनकी ड्रिप हटा दी गई.
अस्पताल के अनुसार दूसरे हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगवाने के 10 मिनट के अंदर ही आंखों में सूजन, चक्कर आना, गले में खराश जैसी समस्या होने लगी. इस युवक का इलाज भी एलर्जी की कुछ दवाओं से किया गया. एक घंटे बाद युवक की हालत में सुधार आ गया और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.
ब्रिटेन के मेडिकल रेगुलेटर का कहना है कि जिन लोगों को अनफिलैक्सिस की समस्या है या फिर कोई दवा या खाने की कुछ खास चीजों से एलर्जी हो जाती है, उन लोगों को फाइजर-बायोएनटेक की COVID-19 वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए.
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि जिन लोगों को पहले ऐलर्जी रिएक्शन हो चुके हैं सिर्फ उन लोगों को ये वैक्सीन लेने से बचना चाहिए. मध्यम आयु वर्ग के मरीजों में वैक्सीन लगने के बाद ये लक्षण दिखने के बाद उनका इलाज एलर्जी ट्रीटमेंट से किया जा सकता है.
वहीं फाइजर ने कहा कि हमारी वैक्सीन एक स्पष्ट चेतावनी के साथ दी जा रही कि जिन लोगों को एनाफिलेक्सिस या एलर्जी की दिक्कत है उन लोगों को इलाज के लिए तैयार रहना चाहिए. फाइजर ने कहा कि अगर जरूरत हो तो वैक्सीन की लेबलिंग भाषा में भी बदलाव किया जा सकता है.
फाइजर के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों से उनकी वैक्सीन को बाधित नहीं किया जाएगा और ये सारी सूचनाएं पारदर्शिता बरतने के लिए लोगों से साझा की गईं हैं.
वैक्सीन के साइड इफेक्ट
हालांकि 44,000 वॉलंटियर्स पर हुए क्लिनिकल ट्रायल में फाइजर वैक्सीन 95 फीसदी तक असरदार साबित हुई है. अलास्का के दोनों मामले सामने आने के बाद वैक्सीन के संभावित साइड इफेक्ट्स को लेकर लोगों की चिंता बढ़ सकती है.
फाइजर वैक्सीन
ये वैक्सीन अमेरिका में इसी हफ्ते देनी शुरू हुई है और सबसे पहले ये हेल्थकेयर वर्कर्स और नर्सों को दी जा रही है. FDA के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक जेसी गुडमैन ने एलर्जी के संबंध में प्रतिक्रिया देते कहा कि वैक्सीन लेने के इस तरह के जोखिम हो सकते हैं, इस बात को और समझने की जरूरत है.