ऑक्सीजन से अस्पताल तक पर उठाए गहरे सवाल
लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डा. उमा शंकर पाण्डेय ने एक बयान में कहा कि, एक साल से कोरोना प्रदेश एवं देश के लिए भय का कारण बना हुआ है। समय-समय पर चिकित्सकों द्वारा एडवाइजरी भी जारी होते रहे हैं। जिसमें द्वितीय लहर के आने की आशंका और उसकी भयावहता का जिक्र होता रहा है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने इससे निपटने के लिए कोई व्यवस्था करने के बजाय चुनाव प्रचार में व्यस्त रही।
इंजेक्शन, ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी से जनता त्रस्त
कोरोना से पीड़ित रोगियों की जान बचाने के लिए आवश्यक एवं प्रभावकारी साबित हो रही आक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं आईवरमेक्टिन दवा की व्यापक कमी तथा सरकारी तन्त्र के आपदा में अवसर तलाशने की सोच के बीच कालाबाजारी और भ्रष्टाचार ने इन दवाओं को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया। जिससे, मौतों की संख्या बेतहाशा बढ़ी। सीएचसी एवं जिला अस्पतालों के साथ प्राइवेट चिकित्सालयों तक उपरोक्त जीवनदायिनी आक्सीजन एवं दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए जिससे ब्लाक एवं जनपद स्तर पर ही ज्यादातर मरीजों का इलाज संभव हो सके।
इलाज की व्यवस्था के प्रति उदासीन बनी रही सरकार
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अहंकार एवं आत्ममुग्धता की शिकार सरकार की अक्षमता, अकर्मण्यता एवं संवेदनहीन मानसिकता ने प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी के कठिन दौर में पहुंचा दिया है। विधायक, मंत्री से लेकर आईएएस, पार्षद, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, चिकित्सक, पत्रकार, साहित्यकार समेत बड़ी तादाद में आम जनता को कोरोना ने अपने चपेट में ले लिया। इसके बावजूद भी सरकार ने युद्ध स्तर पर बचाव और इलाज की व्यवस्था के प्रति उदासीन बनी रही।
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल पर उठाए सवाल
पहली लहर से भी कम एल-3 बेडों की संख्या इसकी पुष्टि करती है। अब कुछ बड़े चिकित्सा संस्थानों को डेडीकेटेड कोविड हास्पिटल डेक्लेयर किया गया है किन्तु अदूरदर्शिता एवं अनुभवहीनता ही है कि नॉन कोविड गंभीर रोगियों जैसे गुर्दा, हृदय, कैंसर, फेफड़ा, लिवर आदि को सुचारू इलाज उपलब्ध कराने के लिए डेडीकेटेड नान केाविड हास्पिटल डेक्लेयर नहीं किया गया।