
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जावेद उर्फी का गुरुवार सुबह लखनऊ के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे और ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। जावेद उर्फी लंबे समय तक प्रदेश कांग्रेस कार्य समिति के स्थायी सदस्य रहे।
गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर प्रयागराज के अटाला स्थित आवास पर देर शाम रखा गया, जहां सुबह से ही अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। शाम सात बजे उनका पार्थिव शरीर करेली स्थित काला डांडा कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
उनकी अंतिम यात्रा में बेटे फज़ल उर्फी के साथ विभिन्न दलों के नेता, कारोबारी और रिश्तेदार शामिल रहे। परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।
जावेद उर्फी के निधन की खबर मिलते ही कांग्रेस नेताओं में शोक की लहर दौड़ गई। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने उनके पुत्र फज़ल से फोन पर बातचीत कर गहरी संवेदना व्यक्त की। वहीं, शहर कांग्रेस कार्यालय में अध्यक्ष फुजैल हाशमी की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित हुई, जिसमें पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी, हरिकेश त्रिपाठी, हसीब अहमद, मानस शुक्ला, नसीम सिद्दीकी, तलत अजीम, विजय मिश्रा, मोहम्मद हसीन, दीपचंद्र शर्मा, अज़हर वारसी, राजकुमार शुक्ला, शकील अहमद, मनोज पासी, इमरान राशिद, संजय कृष्ण श्रीवास्तव और तालिब अहमद सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे।