एक बार फिर राफेल डील पर विवाद शुरू

नई दिल्ली। एक बार फिर फ्रांस से हुई राफेल फाइटर जेट की डील विवादों में  आ गई है। ऐसे मे, राफेल सौदे  में  हुए भ्रष्‍टाचार के आरोपों की जांच के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक नई जनहित याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा याचिकाकर्ता  को कहा गया है  कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। 

स्वतंत्र जांच की मांग

बता दें कि वकील एमएल शर्मा ने  यह याचिका दायर की है।  उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि, इस मामले में नए आरोप  सामने आए है। उनकी स्वतंत्र जांच हो। दरअसल, हाल ही में फ्रांसीसी मीडिया प्रकाशन मीडियापार्ट ने देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए खबर प्रकाशित की थी कि दसॉल्ट एविएशन ने एक भारतीय बिचौलिए को दस लाख यूरो की रिश्वत दी थी।

 राफेल विमान के जैसे ही 50 बड़े विमान की कॉपी का आरोप

 जिस भारतीय कंपनी को रिश्‍वत देने का आरोप लगाया गया है, उसका नाम डेफिसिस है। इसे सुशेन गुप्‍ता चलाते हैं। उनके खिलाफ अगस्‍ता वेस्‍टलैंड हेलिकॉप्‍टर घोटाले की भी जांच हो रही है। उन्‍हें पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। बाद में उन्‍हें जमानत मिल गई थी। वहीं डेफिसिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर दिया है।मीडियापार्ट ने कहा था कि दसॉ का कहना है कि इस पैसे को राफेल विमान के जैसे ही 50 बड़े विमान की हुबहू कॉपी बनाने के लिए दिया गया था। लेकिन यहां तक कि इंस्‍पेक्‍टर भी ऐसे सबूत नहीं दे पाए हैं कि ये मॉडल बनकर तैयार भी हुए थे।

कांग्रेस ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप

केंद्र सरकार ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 23 सितंबर, 2016 को 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस ने विमान की दरों और कथित भ्रष्टाचार सहित इस सौदे को लेकर कई सवाल खड़े किए थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

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