
लखनऊ/आगरा , यूपी के आगरा से दो बहनों की गुमशुदगी की जांच ने एक बड़े धर्मांतरण नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISIS के माड्यूल की तरह संचालित हो रहा था। अब तक 6 राज्यों से 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस गिरोह के तार PFI और SDPI जैसे कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े पाए गए हैं।
डीजीपी बोले– कनाडा और अमेरिका से आ रही थी फंडिंग
डीजीपी राजीव कृष्ण, एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने लखनऊ में मीडिया को बताया कि यह मॉड्यूल बेहद संगठित तरीके से युवतियों को लव जिहाद के जाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण कराता था। इसके लिए उन्हें ऐशो-आराम और निकाह का झांसा दिया जाता था।
डीजीपी ने कहा कि सीएम योगी के निर्देश पर ‘मिशन अस्मिता’ के तहत कार्रवाई की जा रही है। जांच में सामने आया कि कनाडा और अमेरिका से इस नेटवर्क को फंडिंग मिल रही थी।
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला 24 मार्च को आगरा की दो सगी बहनों के गायब होने से शुरू हुआ। पीड़ित पिता ने पुलिस को बताया कि दोनों बेटियों का ब्रेनवॉश उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) निवासी साइमा उर्फ खुशबू ने किया, जो बड़ी बेटी की दोस्त थी। पहले बड़ी बेटी धर्म बदल चुकी थी, फिर उसने छोटी बहन को भी मानसिक रूप से तैयार कर लिया।
पुलिस ने पहले इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन 41 दिन बाद 4 मई को साइमा के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज हुआ। इसके बाद एसटीएफ और साइबर क्राइम टीम को जांच सौंपी गई।
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ जैसा मॉडल
जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म की कहानी जैसा है, जहां एक युवती दूसरी को फंसाती है और कट्टरपंथी सोच से जोड़ देती है। गिरफ्तार युवती आयशा की सोशल मीडिया पर AK-47 के साथ तस्वीर वायरल हुई है, जिससे ISIS से लिंक की पुष्टि होती है।
अब तक ये हुए गिरफ्तार:
कोलकाता (बैरकपुर) से शेखर रॉय उर्फ हसन अली
गोवा से आयशा उर्फ एसबी कृष्णा
कोलकाता से ओसामा
आगरा से रहमान कुरैशी
मुजफ्फरनगर से अब्बू तालिब
देहरादून से अबुर रहमान
जयपुर से मोहम्मद अली और जुनैद कुरैशी
पुलिस का दावा
पुलिस के अनुसार यह गैंग सैकड़ों युवतियों और युवकों को ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण करा चुका है। इनके नेटवर्क से जुड़े कई और नामों की तलाश जारी है।