दो दिवसीय सीएसआईआर-स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 लखनऊ में प्रारंभ

लखनऊ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत से विकसित भारत@2047 की दिशा में चौथा सीएसआईआर-स्टार्टअप कॉन्क्लेव आज लखनऊ स्थित सीएसआईआर-एनबीआरआई के के.एन. कौल ब्लॉक में प्रारंभ हुआ। यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव लखनऊ की चार प्रमुख सीएसआईआर प्रयोगशालाओं—सीएसआईआर-एनबीआरआई, सीएसआईआर-सीडीआरआई, सीएसआईआर-आईआईटीआर और सीएसआईआर-सीमैप—के संयुक्त आयोजन में आयोजित किया जा रहा है।

कॉन्क्लेव का उद्देश्य नवाचार, उद्यमिता और लैब से बाज़ार तक तकनीक हस्तांतरण को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर देशभर से 50 से अधिक सीएसआईआर समर्थित स्टार्टअप्स अपने अभिनव उत्पाद और तकनीक प्रदर्शित कर रहे हैं। साथ ही, 200 से अधिक किसान सीधे वैज्ञानिकों और उद्यमियों के साथ संवाद कर रहे हैं, जिससे ग्रामीण विकास और उत्पादकता में सुधार लाने वाले तकनीकी समाधान साझा किए जा रहे हैं।

उद्घाटन समारोह और कार्यशालाएँ

कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया। उन्होंने स्टार्टअप प्रदर्शनी पवेलियन का उद्घाटन कर संस्थापकों से मुलाकात की और उनके नवाचार की सराहना की। उद्घाटन दिवस की शुरुआत पंजीकरण से हुई, जिसके बाद लोटस ऑडिटोरियम में किसानों के लिए दो कार्यशालाएँ आयोजित की गईं।

पहली कार्यशाला सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन पर आधारित थी, जिसमें उन्नत पुष्पकृषि तकनीक, पौध सामग्री और फसलोपरांत प्रौद्योगिकी पर मार्गदर्शन दिया गया। दूसरी कार्यशाला सीएसआईआर-अरोमा मिशन पर केंद्रित थी, जिसमें पुदीना, लेमनग्रास, पामारोसा और वेटीवर जैसी सुगंधित फ़सलों पर चर्चा हुई। वैज्ञानिकों ने उच्च गुणवत्ता वाले आवश्यक तेल निष्कर्षण, खेती की तकनीक और उद्यमिता के अवसर पर किसानों को जानकारी दी।

किसान-केंद्रित पहल

उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी ने कहा कि राज्य में पुष्पकृषि और सुगंधित फ़सलों में अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने किसानों को विविधिकरण, अंतरफसल खेती और मूल्य संवर्धन के अवसर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। अपर मुख्य सचिव बाबूलाल मीणा ने शहद और अन्य मूल्य संवर्धित उत्पादों के निर्यात की संभावना पर बल दिया और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया।

स्टार्टअप्स का नवाचार प्रदर्शन और सम्मान

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सीएसआईआर समर्थित स्टार्टअप्स को उनके नवाचारों के लिए सम्मानित किया। इसमें डॉ. देवेंद्र कुमार पटेल को नैनोकॉम्पोज़िट आधारित जल शोधक के लिए, डॉ. प्रभांशु त्रिपाठी को एप्टामर-आधारित बायोसेंसर के लिए और टेरा सेंसस स्टार्टअप को सटीक कृषि हेतु सेंसर एरे सिस्टम प्रदर्शित करने के लिए सम्मानित किया गया। आईसीएआर और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने रेडी टू फ्रूट मशरूम किट्स का प्रदर्शन किया।

दोपहर में उपमुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने प्रदर्शनी पवेलियन का भ्रमण किया। सीएसआईआर के निदेशकगण उपस्थित रहे। सीएसआईआर महानिदेशक एवं डीएसआईआर सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने कहा कि वैज्ञानिक नवाचारों को व्यावहारिक और बाज़ार योग्य तकनीकों में बदलना सीएसआईआर का प्रमुख उद्देश्य है।

महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoUs)

कॉन्क्लेव में चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए:

सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ और पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर – पर्यावरण विज्ञान, विषविज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान।

सीएसआईआर-सीडीआरआई और केनिसएआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड – एआई आधारित औषधि खोज और विकास।

सीएसआईआर-सीडीआरआई और वीजन लैब्स एलएलपी – सटीक कैंसर अनुसंधान और किफायती औषधि विकास।

सीएसआईआर-आईआईटीआर और स्मार्टक्यूआर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड – बौद्धिक संपदा और पेटेंट हस्तांतरण।

दूसरे दिन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे और किसानों तथा स्टार्टअप्स से संवाद करेंगे। इस दिन सीएसआईआर-एनबीआरआई के बॉटैनिक गार्डन में स्वस्तिक लोटस तालाब का उद्घाटन भी होगा।