
लखनऊ स्थित चार प्रमुख सीएसआईआर प्रयोगशालाओं — राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई), केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) और केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पादप संस्थान (सीआईएमएपी) — ने 14-15 सितंबर 2025 को एनबीआरआई, लखनऊ में सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन किया। यह कॉन्क्लेव “अनुसंधान एवं विकास को स्टार्टअप में बदलना: उद्योगों और समाज के लिए कृषि, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य हेतु नवाचार” विषय पर केंद्रित है।
लखनऊ में आयोजित यह कॉन्क्लेव जम्मू, हैदराबाद और मुंबई में आयोजित सफल आयोजनों के बाद चौथा आयोजन है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और सीएसआईआर उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में यह आयोजन सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों के इर्द-गिर्द स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने, नवप्रवर्तकों को उद्योग जगत से जोड़ने और देशभर के उद्यमियों के लिए नए अवसर उत्पन्न करने का उद्देश्य रखता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत नवाचार और उद्यमिता का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देकर, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करके और विज्ञान, उद्योग और समाज के बीच मज़बूत संबंध स्थापित करके इस दृष्टिकोण को साकार करता है। इस पहल से देश की आत्मनिर्भरता मजबूत होगी, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और युवाओं तथा उद्यमियों के लिए स्थायी अवसर पैदा होंगे।
सम्मेलन में उद्योग जगत के भागीदारों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का शुभारंभ किया जाएगा। उद्योग, शिक्षा जगत और स्टार्टअप के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान होगा। कृषि-पोषक जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सीएसआईआर लखनऊ प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा। लगभग 200 किसानों/लाभार्थियों और 50 से अधिक स्टार्टअप्स अपने उत्पाद और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेंगे।
सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. शासनी ने कहा, “सीएसआईआर-एनबीआरआई पादप-आधारित नवाचारों और हरित प्रौद्योगिकियों को उद्यमशील उपक्रमों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्मेलन के माध्यम से हमारा उद्देश्य फूलों की खेती, हर्बल उत्पादों और सतत कृषि में स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना है, जिससे हरित अर्थव्यवस्था और आजीविका सृजन में योगदान मिल सके।”
सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहा, “सीडीआरआई, औषधि खोज और विकास में अग्रणी कार्य करते हुए, बायो-फार्मा स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है। यह सम्मेलन युवा उद्यमियों को प्रयोगशाला-स्तरीय नवाचारों को बाज़ार में लाने और समाज की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सक्षम मंच प्रदान करेगा।”
सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने कहा, “आईआईटीआर पर्यावरण सुरक्षा, विष विज्ञान और सतत प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित है। इस सम्मेलन में हम उन स्टार्टअप्स का समर्थन करेंगे जो स्वच्छ प्रौद्योगिकियां, पर्यावरण निगरानी समाधान और जन स्वास्थ्य नवाचार प्रदान करते हैं।”
सीएसआईआर-सीआईएमएपी के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया, “सीआईएमएपी औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए औषधीय और सुगंधित पौधों की क्षमता का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सम्मेलन हमारी तकनीकों को स्वास्थ्य, आवश्यक तेलों और ग्रामीण उद्यमिता पर काम करने वाले स्टार्टअप्स तक पहुँचाने में मदद करेगा, जिससे किसानों और उद्योग दोनों को लाभ पहुँचाने वाली मूल्य श्रृंखलाएँ निर्मित होंगी।”
कॉन्क्लेव में उद्योग जगत, नवप्रवर्तक, उद्यमी, निवेशक, नीति निर्माता और वैज्ञानिक एक साझा मंच पर आएंगे। यह मंच प्रौद्योगिकी-आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देगा, उद्योग-अनुसंधान साझेदारी को मजबूती देगा और 2047 तक विकसित भारत के विज़न को साकार करने में उत्प्रेरक का काम करेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहेंगे। डॉ. एन कलैसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी।