लाल किला हिंसा भड़काने का था आरोप
नई दिल्ली। 26 जनवरी को हुई हिंसा को भड़काने के आरोप में फसे दीप सिध्दू को तीस हजारी कोर्ट ने कई शर्तों के साथ जमानत दे दी है। बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिध्दू ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था। दीप सिध्दू के वकील ने उनकी जमानत के लिए कोर्ट में दलील दी थी कि वो हिंसा में शामिल नही हुए थे और वो एक जिम्मेदार नागरिक है। वकील ने कहा कि वो केवल प्रदर्शन से जुड़े हुए थे, हिंसा से उनका कोई लेना देना नही है, क्योंकि वह एक जाना पहचाना चेहरा है, इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है।
रिहाई होने के बाद सबूत नष्ट होने का डर
पिछले हफ्ते ही कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 17 अप्रैल के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकारी वकील ने यह दावा करते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया कि यदि सिद्धू को रिहा किया गया तो वह सभी सबूत को नष्ट कर देगा जैसा कि उसने पकड़े जाने से पहले दो फोन नष्ट कर दिये थे।
कानून अपने हाथों में लिया : पुलिस
वहीं इस घटना पर पुलिस का कहना है कि दीप सिध्दू ने कानून अपने हाथ में लिया था और भीड़ को हिंसा के लिए भड़काया जिसके कारण दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए।
ये हैं शर्तें
दीप सिद्धू को तीस हजार रुपये के दो बांड पर जमानत देने के अलावा कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। जिनका दीप सिध्दू को पालन करना आवश्यक है। कोर्ट ने कहा है कि सिद्धू को अपना पासपोर्ट इन्वेस्टिगेशन अधिकारी के पास जमा करना होगा और साथ में हर 15 दिन में यदि जांच अधिकारी बुलाता है तो उसे वहां पेश भी होना पड़ेगा। इतना ही नहीं इस दौरान दीप सिद्धू किसी गवाह या साक्ष्य के साथ कोई छेड़छाड़ी नहीं करनी है और ना ही अपना फोन स्विच ऑफ रखना हैं।