“निबंध से कविता तक, चित्रों से विचार तक: दीपोत्सव-2025 में युवा प्रतिभा का जलवा, विजेताओं का सम्मान”

लखनऊ। दीपोत्सव-2025 केवल आध्यात्मिक आस्था और प्रकाश का पर्व नहीं रहा, बल्कि यह युवा प्रतिभा और रचनात्मकता का भी मंच बन गया। इस वर्ष आयोजित निबंध, कविता और चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य समारोह में सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इस पहल का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को दीपोत्सव की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कलात्मक भावना को व्यक्त करने का अवसर देना था।

मुख्यमंत्री ने हिमानी पांडेय और रोहन यादव को स्वयं प्रमाणपत्र प्रदान किए, जबकि अन्य विजेताओं के पुरस्कार डाक द्वारा भेजे जाएंगे। आयोजकों ने इसे युवाओं की रचनात्मकता और सहभागिता का उत्सव करार दिया, जिसने दीपोत्सव-2025 को और भी विशेष बना दिया।

निबंध प्रतियोगिता में आरुषि ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, देवांश दोराश्री द्वितीय और आदित्य धनराज तृतीय स्थान पर रहे। चित्रकला प्रतियोगिता में शरवरी खरे ने अपनी उत्कृष्ट कलाकृति से प्रथम स्थान हासिल किया, रीतू वर्मा द्वितीय स्थान पर रहीं और रोहन यादव को तृतीय स्थान मिला। वहीं कविता प्रतियोगिता में अनुष्का महावर ने प्रथम, हिमानी पांडे ने द्वितीय और सत्यदेव मिश्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कविता प्रतियोगिता की विजेता हिमानी पांडेय ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “मैं उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की बेहद आभारी हूं, जिन्होंने हम जैसे युवाओं को इतना सुंदर अवसर दिया। मेरा पूरा परिवार दीपोत्सव समारोह को टीवी पर देख रहा था। यह सिर्फ आयोजन नहीं, बल्कि हम सबके लिए एक भावना बन गया है।”

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “प्रतियोगिताओं में मिली प्रविष्टियाँ अत्यंत सुंदर थीं। हमारे युवाओं ने जिस जोश और उत्साह के साथ भाग लिया, वह प्रेरणादायक है। एक ओर हजारों बच्चों की वालंटियर टीम ने 26,17,215 दीपक जलाकर गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, वहीं दूसरी ओर अयोध्या और आसपास के बच्चों ने ‘वानर सेना’ के रूप में भगवान श्रीराम का स्वागत किया। उनकी रचनात्मकता और भक्ति अद्भुत थी।”

इन प्रतियोगिताओं में पूरे उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में प्रतिभाग हुआ, जिससे यह सिद्ध होता है कि दीपोत्सव का संदेश “अंधकार पर प्रकाश, विभाजन पर एकता” हर उम्र के लोगों के दिलों में गहराई से रचा-बसा है।

जब पवित्र नगरी लाखों दीपों की रोशनी से जगमगा रही थी, तब दीपोत्सव-2025 ने अनगिनत युवा मनों को भी आलोकित किया। यह साबित कर दिया कि अयोध्या की असली रोशनी तब सबसे अधिक दमकती है, जब उसे सृजन, प्रतिभा और सामूहिक भावना के माध्यम से साझा किया जाता है। इस पहल ने न केवल आध्यात्मिक उत्सव को नई ऊँचाइयाँ दीं, बल्कि युवाओं की रचनात्मक ऊर्जा और सहभागिता को भी प्रकट किया।