
बाराबंकी, बुधवार को देवा शरीफ स्थित शेख मुहम्मद हसन गेट पर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की धर्मपत्नी शैलजा त्रिपाठी ने फीता काटकर विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी 2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने शांति और सद्भाव के प्रतीक सफेद कबूतर उड़ाकर मेले की औपचारिक शुरुआत की। शुभारंभ के साथ ही ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी आरंभ हुई।
सूफी संत सैय्यद हाजी वारिस अली शाह के पिता सैय्यद कुर्बान अली शाह की स्मृति में लगने वाला यह दस दिवसीय मेला सदियों पुरानी परंपरा को जीवंत करता है। “जो रब है वही राम है” का संदेश देने वाला यह मेला गंगा-जमुनी तहज़ीब और भाईचारे की मिसाल बना हुआ है।
उद्घाटन के दौरान शहनाई की मधुर धुन और पीएसी बैंड की प्रस्तुति से पूरा परिसर गूंज उठा। उद्घाटन के पश्चात शैलजा त्रिपाठी ने मेला परिसर का निरीक्षण करते हुए कहा कि —
“देवा मेला केवल उत्सव नहीं, बल्कि आपसी सौहार्द और एकता का प्रतीक है। यहां से निकलने वाला संदेश दुनियाभर में प्रेम और भाईचारे का प्रसार करता है।”
इस अवसर पर जिलाधिकारी एवं देवा मेला समिति के अध्यक्ष शशांक त्रिपाठी, एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, एडीएम (न्यायिक) राजकुमार सिंह, एसडीएम आनंद कुमार तिवारी, सीएमओ डॉ. अवधेश कुमार यादव, बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय तथा मेला समिति के सदस्य चौधरी तालिब नजीब, राय स्वरेश्वर बली, फव्वाद किदवई, संदीप सिन्हा और रानी मृणालिनी सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
10 दिनों तक चलेगा देवा मेला
पारंपरिक रूप से देवा मेला का उद्घाटन जिलाधिकारी की धर्मपत्नी द्वारा तथा समापन पुलिस अधीक्षक की धर्मपत्नी द्वारा किया जाता है। यह मेला 10 दिनों तक चलेगा, जिसमें म्यूजिकल नाइट, कवि सम्मेलन, ऑल इंडिया मुशायरा और खेल प्रतियोगिताएं जैसे हॉकी, दंगल व बैडमिंटन आयोजित की जाएंगी।
देश-विदेश से आने वाले लाखों जायरीन सूफी संत की दरगाह पर जियारत के लिए पहुंचते हैं। मेला परिसर में दुकानों पर चहल-पहल बढ़ गई है और घोड़ा-खच्चर बाजार भी उम्दा नस्लों के जानवरों से सज गया है। उर्स की रस्मों की शुरुआत के साथ ही पूरा देवा क्षेत्र आस्था, आध्यात्म और अदब की रौनक में डूब गया है।