लखनऊ में कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने दीक्षांत परेड का ग्रहण किया मान-प्रणाम

लखनऊ। प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने लखनऊ स्थित डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित दीक्षांत परेड का मान-प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के अधीक्षक, सहायक जेल अधीक्षक, उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षु डिप्टी जेलर (120वाँ सत्र) तथा उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के प्रशिक्षु जेल वार्डर (177वाँ सत्र) शामिल हुए।

दीक्षांत परेड में प्रशिक्षुओं ने अनुशासन, परेड प्रदर्शन और प्रशिक्षण से अर्जित दक्षताओं का परिचय दिया। कारागार मंत्री ने प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के बाद वे समाज और कारागार प्रशासन की सेवा में नई ऊर्जा और अनुशासन के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि कारागार केवल बंदीगृह नहीं बल्कि सुधारगृह भी है, जहाँ से कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि तकनीकी ज्ञान, अनुशासन और मानवीय संवेदनशीलता को संतुलित करते हुए जेल प्रशासन को और प्रभावी बनाना होगा। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जेल प्रशासन को आधुनिक तकनीक, सुरक्षा एवं सुधारात्मक दृष्टिकोण से सज्जित करना हमारी प्राथमिकता है। प्रशिक्षुओं से अपेक्षा है कि वे सेवा भाव, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।

आज आयोजित दीक्षांत परेड में कुल 131 प्रशिक्षार्थी सम्मिलित हुए। इनमें उत्तर प्रदेश राज्य के 08 डिप्टी जेलर अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य के 03 जेल अधीक्षक एवं 06 सहायक जेल अधीक्षक तथा कुल 114 जेल वार्डर शामिल हैं। सम्मिलित वार्डरों में उत्तराखण्ड राज्य के 55 और उत्तर प्रदेश राज्य के 59 वार्डर सम्मिलित हुए।

अधिकारी संवर्ग का प्रशिक्षण सत्र 5 दिसम्बर 2024 से प्रारंभ हुआ था, जबकि जेल वार्डरों का प्रशिक्षण सत्र 23 मार्च 2025 से शुरू हुआ। संस्थान में सीधी भर्ती के अधीक्षक, डिप्टी जेलर एवं सहायक अधीक्षक का आधारभूत प्रशिक्षण 8 माह का तथा जेल वार्डर का आधारभूत प्रशिक्षण 5 माह का निर्धारित है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर रिफ्रेशर एवं विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किये जाते हैं।

मार्च 2025 तक संस्थान द्वारा कुल 1719 अधिकारियों तथा 13,277 जेल वार्डरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इसके अलावा रिफ्रेशर कोर्सों के माध्यम से लगभग 1257 अधिकारियों एवं कार्मिकों को भी प्रशिक्षित किया गया है।