दिशा छात्र संगठन ने छात्रों के निलंबन वापसी को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, चीफ प्रॉक्टर को हटाने पर अड़े छात्र

रिपोर्ट–राजेश सरकार
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ दिशा छात्र संगठन का विरोध शुक्रवार को उग्र होता दिखा। बड़ी संख्या में जुटे छात्रों ने निलंबित छात्रों की बहाली की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार तानाशाही रवैया अपना रहा है और छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहा है।

मुख्य प्रवेश द्वार पर एकत्र छात्रों ने ढपली बजाकर, जुमले गाकर और नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की व हाथापाई भी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित संगोष्ठी व सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाना और अनुमति लेने गए छात्रों को निलंबित करना प्रशासन की मनमानी का खुला प्रमाण है।

धरना दे रहे छात्र चंद्रप्रकाश ने बताया कि फैज अहमद फैज की स्मृति दिवस पर कविता पाठ कार्यक्रम के लिए संगठन के तीन साथी प्रॉक्टर ऑफिस अनुमति लेने गए थे। आरोप है कि चीफ प्रॉक्टर ने असभ्य भाषा में बात की और अनुमति देने के बाद भी छात्रों को निलंबित व निष्कासित कर दिया। इसी के विरोध में यह आंदोलन शुरू किया गया है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि सौम्या, संजय, चंद्रप्रकाश और निधि के निलंबन व निष्कासन वापस नहीं लिए जाते, तो सोमवार से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों ने चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह और असिस्टेंट चीफ प्रॉक्टर अतुल नारायण सिंह को पद से हटाने की भी मांग उठाई है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर और हॉस्टलों में स्वच्छ पेयजल, साफ टॉयलेट और कक्षाओं में माइक्रोफोन की उचित व्यवस्था की मांग की है। छात्रों ने साफ कहा कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तीव्र किया जाएगा।