
लखीमपुर-खीरी, 19 दिसंबर। गोला गोकर्णनाथ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर के पर्यटन विकास हेतु निर्माणाधीन कॉरिडोर कार्य की धीमी रफ्तार को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में निर्माण कार्य की प्रगति अत्यंत असंतोषजनक पाई गई है। इसके बाद प्रशासन ने अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन पर संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध 5 करोड़ रुपये से अधिक के लिक्विडेटेड डैमेज अधिरोपित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी नरेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने गोला स्थित कॉरिडोर निर्माण स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्य की भौतिक प्रगति बेहद धीमी पाई गई और मौके पर श्रमिकों की संख्या भी अपेक्षा से काफी कम मिली। कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के सहायक परियोजना प्रबंधक निरीक्षण के समय मौके पर मौजूद थे। समिति ने उपलब्ध बार-चार्ट और अनुबंध की शर्तों का गहन परीक्षण किया, जिसमें स्पष्ट हुआ कि अनुबंध के अनुसार कॉरिडोर निर्माण की अंतिम तिथि 15 मार्च 2026 निर्धारित है, जबकि ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत वर्क प्रोग्राम में कार्य अगस्त 2026 तक पूर्ण करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो स्पष्ट रूप से अनुबंध की शर्तों के विपरीत है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस तथ्य को भी गंभीरता से रेखांकित किया कि श्रावण मास के दौरान गोला गोकर्णनाथ शिव मंदिर में लाखों श्रद्धालु और कांवड़िए जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। यदि कॉरिडोर निर्माण कार्य श्रावण मास से पूर्व पूर्ण नहीं होता है तो श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए समिति ने समयबद्ध कार्य पूर्ण न होने की स्थिति को अत्यंत संवेदनशील बताया है।
जांच समिति की आख्या के आधार पर जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत संबंधित ठेकेदारों पर लिक्विडेटेड डैमेज लगाने की संस्तुति स्वीकार करते हुए कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर से स्पष्टीकरण तलब किया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अनुबंध संख्या 109 के अंतर्गत मेसर्स रीना सिंह पर 1.81 करोड़ रुपये, अनुबंध संख्या 110 के अंतर्गत मेसर्स नारायन एसोसिएट्स पर 1.73 करोड़ रुपये तथा अनुबंध संख्या 111 के अंतर्गत मेसर्स नारायन एसोसिएट्स पर 1.71 करोड़ रुपये का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। कुल मिलाकर ठेकेदारों पर 5 करोड़ रुपये से अधिक की कार्रवाई की तैयारी है।
प्रशासन का कहना है कि यह सख्त कदम कॉरिडोर निर्माण कार्य को समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित ढंग से पूर्ण कराने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि श्रावण मास के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। जांच समिति में अपर जिलाधिकारी नरेंद्र बहादुर सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड गोला तथा उप जिलाधिकारी गोला शामिल रहे।