Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
पांच बार असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार, ऐसे बनें IAS ऑफिसर- Amar Bharti Media Group शिक्षा

पांच बार असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार, ऐसे बनें IAS ऑफिसर

यूपीएससी की जर्नी लंबी हो सकती है यह तो इस क्षेत्र में आने वाले हर कैंडिडेट को पता होता है लेकिन ये कितनी लंबी होगी इस बात का अंदाजा लगाना संभव नहीं होता. कुछ को यहां सफलता पाने में दो साल, तीन साल का समय लगता है तो कुछ कैंडिडेट्स ऐसे भी होते हैं जो 6 से 7 साल तक लगे रहते हैं और उनका चयन नहीं होता. ऐसे में धैर्य बनाए रखना बहुत मुश्किल काम है.

हालांकि कुछ कैंडिडेट्स विशाल नारवाड़े जैसे भी होते हैं जो अपनी धुन के इस कदर पक्के होते हैं कि एक-दो बार नहीं पांच बार असफल होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारते और लगे रहते हैं. विशाल ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा के पांच अटेम्प्ट्स में असफलता पाई लेकिन हर बार उठ खड़े हुए और फिर एग्जाम दिया. अंततः 6वीं बार में उनका सेलेक्शन हुआ और 91वीं रैंक के साथ वे टॉपर बने.

विशाल के प्रयासों की खास बात –

हमने यहां एक चीज तो साफ कर दी कि विशाल बार-बार यूपीएससी सीएसई परीक्षा में असफल रहे पर उनके अटेम्प्ट्स की एक खास बात ये थी कि 6 प्रयासों में से पूरे छः बार उन्होंने प्री परीक्षा पास की. यानी भले उनका सफर प्री परीक्षा पास करने के बाद आगे नहीं बढ़ा लेकिन हर बार वे यूपीएससी के पहले और सबसे कठिन माने जाने वाले चरण को पास करने में सफल रहे. अंततः अपने आखिरी प्रयास में वे सभी चरण पास करके टॉपर बने और 91 रैंक के अनुसार उन्हें आईएएस पद मिला जिस पर वे वर्तमान में कार्यरत हैं.

इतनी बार प्री परीक्षा पास करने वाले विशाल को इस परीक्षा का बहुत अच्छा अनुभव प्राप्त है. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में विशाल ने प्री परीक्षा की तैयारी से संबधित खास टिप्स शेयर किए.

यहां देखें विशाल नारवाड़े द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू –

वेटेज के अनुसार दें विषय को महत्व –

दूसरे कैंडिडेट्स से अलग विशाल मानते हैं कि यूपीएससी का सिलेबस बहुत बड़ा है. अगर आप सबकुछ कवर करने बैठेंगे तो कभी नहीं हो पाएगा. इसका वे एक तरीका बताते हैं कि सिलेबस में जाकर ये देखें किस विषय को कितना वेटेज दिया गया है उसी हिसाब से उसको प्रायॉरिटी दें. जिन विषयों से अधिक अंकों के प्रश्न आने हों, उन्हें अधिक महत्व दें और जिन विषयों से कम अंक के प्रश्न आते हों उन्हें उसी हिसाब से अपनी इंपॉर्टेंट टॉपिक्स की सूची में शामिल करें. इससे आपका समय भी बचता है और तैयारी भी पूरी हो जाती है. ऊपर से प्री एक ऑब्जेक्टिव पेपर है, इसमें इस तकनीक से काम चलाया जा सकता है.

दूसरों से न करें अपनी तुलना न ही कुछ नया पढ़ें –

विशाल आगे कहते हैं कि कभी अपनी तैयारी को दूसरों के साथ कंपेयर न करें कि फलां यहां तक पहुंच गया है या फलां के इतने नंबर आते हैं टेस्ट में. आप केवल अपनी तैयारी और अपने तरीके पर फोकस करें.

इसके साथ ही अपनी चुनी किताबों पर भी अंत तक भरोसा रखें. कई बार ऐसा होता है कि कैंडिडेट कुछ किताबों से तैयारी कर रहा होता है तभी उसका कोई मित्र या कोई और आकर नए सोर्सेस के बारे में बात करता है. ऐसे में अपना कांफिडेंस लूज न करें. आप जो किताबें पढ़ रहे हैं, वही बेस्ट हैं ये मानकर पढ़ाई करें और मन में किसी प्रकार की शंका न लाएं.

विशाल की सलाह –

विशाल कहते हैं कि प्री परीक्षा में सफलता का एक ही मंत्र है रिवीजन. जितनी बार हो सके रिवाइज करें यही आपको प्री परीक्षा में सफल बनाएगा. पूरा सिलेबस कवर करने के चक्कर में न पड़ें क्योंकि कोई भी कैंडिडेट पूरा सिलेबस कवर नहीं कर सकता.

अंत में बस इतना ही कि पढ़ाई के साथ ही अपनी फिटनेस पर भी ध्यान दें और स्ट्रेस न लें. परीक्षा के एक दिन पहले रिलैक्स रहें क्योंकि एक दिन की तैयारी में आप कुछ नहीं कर सकते. एग्जाम सेंटर वगैरह पहले से पता कर लें ताकि परीक्षा वाले दिन केवल परीक्षा देने का स्ट्रेस हो और कोई फालतू का तनाव नहीं. पॉजिटिव होकर परीक्षा दें और ये याद रखें कि कोई भी कैंडिडेट एग्जाम के सारे आंसर नहीं जानता, जहां आप खड़े हैं, वहीं अधिकतर लोग खड़े हैं. इसलिए कांफिडेंट होकर परीक्षा देने जाएं सफलता जरूर मिलेगी.