Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
बिगड़ने ना दें अपना स्टडी शेड्यूल, ऐसे करें तैयार अपना शेड्यूल- Amar Bharti Media Group शिक्षा

बिगड़ने ना दें अपना स्टडी शेड्यूल, ऐसे करें तैयार अपना शेड्यूल

त्यौहारों के इस सीजन में अक्सर स्टूडेंट्स का पढ़ाई का शेड्यूल काफी बिगड़ जाता है. घर की साफ-सफाई से लेकर, पकवान बनने, मेहमानों के घर आने, पूजा आदि होने जैसे बहुत से कारण होते हैं जिनसे घर का माहौल पहले जैसा नहीं रह जाता. घर में चहल-पहल बढ़ जाती है और हर कोई इंज्वॉय करने के मूड में होता है. ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए जहां पढ़ाई के लिए शांत जगह तलाशना मुश्किल होता है वहीं, उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है ऐसे में पढ़ाई में मन लगाना. जब हर कोई फेस्टिव मूड में हो तो खुद किताबों में घुसे रहना आसान नहीं होता. लेकिन कुछ परीक्षाएं ऐसी होती हैं जिनमें स्टूडेंट्स चार-पांच दिन तो क्या एक-दो दिन भी पढ़ाई स्किप करने की नहीं सोच सकते. ऐसे में क्या करें, जिससे पढ़ाई का भी कम से कम नुकसान हो और त्यौहार भी मन जाए. आइये जानते हैं.

प्री-प्लान करें –

जो चीजें आपके हाथ में नहीं है, उनका रोना रोने के बजाय जो आप कर सकते हैं उसके बारे में प्लान करिए. बेहतर होगा कि आने वाले समय के लिए, जब त्यौहारों की रौनक और बढ़ेगी आप पहले से अपना स्टडी शेड्यूल प्लान कर लीजिए. इस समय बेस्ट होगा कि जो आप तैयार कर चुके हैं, उसी को रिवाइज कर लें बजाय कुछ भी नया शुरू करने के, जिसमें आपको अधिक कांस्ट्रेशन की जरूरत पड़ें. रिवीजन करने में उस लेवल का दिमाग नहीं लगाना पड़ता, जितना नए कांसेप्ट को समझने में लगाना होता है.

अर्ली मॉर्निंग या लेट नाइट पढ़ें –

घर में आने-जाने वाले लोगों को, शॉपिंग आदि को तो नहीं रोका जा सकता पर दिन के जिस समय कम शोर-शराबा हो आप उसे पढ़ाई के लिए चुनें. अगर आप सच में अपनी स्टडीज से कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहते तो थोड़ा अतिरिक्त प्रयास करें. अपने शेड्यूल के अनुसार यानी आपको जल्दी उठकर पढ़ना पसंद है या आप नाइट आउल है, उसी के अनुरूप टाइम निकालकर पढ़ें. जब सब सो चुके हैं या उठे नहीं हैं, उस समय पढ़ें ताकि डिस्टर्बेंस कम से कम हो. इस नींद को दिन में किसी समय पूरा कर लें. दिन में पढ़ने से ज्यादा आसान होगा, दिन में सोना.

गिल्ट फ्री रहें –

इस समय हमेशा जैसी पढ़ाई न हो पाए या वो आउटकम न आए जो आप चाहते हैं तो भी परेशान न हों. अपने आप के साथ बहुत सख्त होने की जरूरत नहीं है. इस समय अगर थोड़ी धीमी ही सही लेकिन पढ़ाई चल रही है तो भी काफी है. घर की पूजा वगैरह को गिल्ट फ्री होकर इंज्वॉय करें और पार्टी या गेट टुगेदर से बचें क्योंकि ये बहुत समय खाते हैं. साथ ही आपका पढ़ाई का मोमेनटम भी खत्म कर देते हैं. हालांकि कोरोना के कारण इस साल त्यौहार वैसे भी पहले जैसे नहीं हैं. मेहमानों का आना-जाना खुद ही कम होगा.

दिन के घंटे प्लान करें और किसी भी हाल अपना टारगेट पूरा करें. कोई एक या दो दिन जब आपको पता हो कि बिलकुल भी पढ़ाई नहीं हो पाएगी उन दिनों का शेड्यूल एक्सट्रा मेहनत करके आगे-पीछे पूरा कर लें. खुद के साथ बहुत सख्त न हों पर त्यौहारों के नाम पर खुद को बहुत लिबर्टी भी न दें और एक बैलेंस्ड अपरोच लेकर चलें. याद रखें कि त्यौहार हर साल आएंगे लेकिन ये परीक्षा आप हर साल नहीं देना चाहेंगे.