
खीरी जिले के मैगलगंज क्षेत्र में उस वक्त शोक की लहर दौड़ गई जब औरंगाबाद की लोकप्रिय समाजसेवी डॉक्टर सुमन की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। रोज़ की तरह आज सुबह भी वे मॉर्निंग वॉक के लिए निकली थीं, तभी एक अज्ञात तेज़ रफ्तार वाहन ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि डॉक्टर सुमन की मौके पर ही मौत हो गई।
डॉ. सुमन को इलाके में एक जन-चिकित्सक के रूप में ख्याति प्राप्त थी। उनके पास भले ही चिकित्सा की औपचारिक डिग्री नहीं थी, लेकिन उनके पिता स्व. डॉ. रामचंद्र वर्मा से मिली पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान और अनुभव के बल पर उन्होंने वर्षों तक लोगों का इलाज किया। उन्होंने न केवल इलाज किया, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए मुफ्त या बेहद कम शुल्क पर सेवाएं देकर समाज सेवा की मिसाल पेश की।
उनकी मृदुभाषिता, सेवा भाव और विनम्र स्वभाव के कारण वे हर उम्र के लोगों में अत्यंत लोकप्रिय थीं। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने चिकित्सा सेवा को ही जीवन का उद्देश्य बना लिया था। डॉक्टर सुमन मूल रूप से औरंगाबाद की रहने वाली थीं, जबकि उनका ससुराल लखनऊ में है।
उनकी असमय और दर्दनाक मृत्यु ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया है। हर आंख नम है, हर मन व्यथित। लोग एक ही बात कह रहे हैं—”सुमन जैसी महिलाएं बार-बार जन्म नहीं लेतीं…”