
लखनऊ/लखीमपुर खीरी। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में हाल ही में जन्मे एक सींग वाले गैंडे के शावक ने पर्यटकों के आकर्षण को और बढ़ा दिया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक में दुधवा आने की रुचि तेजी से बढ़ रही है। इसी क्रम में दुधवा नेशनल पार्क व आसपास के क्षेत्रों में प्रकृति आधारित पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन से संचालित विशेष एसी 2×2 बस सेवा का विस्तार कर इसे अब अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित गौरीफंटा तक कर दिया गया है। पहले यह बस सेवा केवल दुधवा तक ही सीमित थी।
ठंड के मौसम में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है, जहां बाघ, एक सींग वाला गैंडा, हाथी, हिरण, बारहसिंगा और तेंदुए जैसे दुर्लभ वन्यजीवों के साथ नन्हे गैंडे को देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या और बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत को देखते हुए इस सेवा का विस्तार किया गया है।
नई व्यवस्था के तहत बस सुबह 8:00 बजे कैसरबाग से रवाना होकर दोपहर 2:00 बजे गौरीफंटा पहुंचेगी। वापसी में बस 2:30 बजे गौरीफंटा से चलकर 3:00 बजे दुधवा पहुंचेगी तथा 3:30 बजे दुधवा से लखनऊ के लिए रवाना होकर रात 9:00 बजे कैसरबाग पहुंचेगी। लखनऊ से दुधवा तक का किराया ₹487 तथा लखनऊ से गौरीफंटा तक ₹536 निर्धारित किया गया है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यूपीएसआरटीसी की यह पहल उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की दूरदृष्टि और वन विभाग के सहयोग का परिणाम है। दुधवा, कतर्नियाघाट और गौरीफंटा का तराई क्षेत्र जैव विविधता से भरपूर है। बस सेवा के विस्तार से पर्यटक दुधवा के जंगलों के साथ-साथ गौरीफंटा और उससे जुड़े प्राकृतिक इलाकों का भी अनुभव कर सकेंगे। यह सुविधा प्रकृति प्रेमियों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एच. राजामोहन ने बताया कि ठंड के मौसम में दुधवा पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है। यहां के घने साल जंगल, विस्तृत घास के मैदान और दलदली क्षेत्र इसे देश के समृद्ध प्राकृतिक आवासों में शामिल करते हैं। कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी अपनी अनोखी पारिस्थितिकी और समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में दुधवा टाइगर रिजर्व में तीन दिवसीय अभियान के दौरान एक नर गैंडा नकुल और एक मादा गैंडा दीपिका के गले से रेडियो कॉलर हटाए गए हैं, जिससे वे अब जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकें। तीसरी मादा गैंडा विजयश्री का कॉलर मौसम अनुकूल होने पर बाद में हटाया जाएगा।
दुधवा तक पहुंचने वाले पर्यटक अब आसानी से गौरीफंटा भी जा सकेंगे, जो बर्ड वॉचर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। विभाग का मानना है कि इस नई बस सेवा से सीमा क्षेत्र के जंगलों, वेटलैंड्स और दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण व पर्यटन को नई गति मिलेगी।