मुंबई. कतर जेल में बंद बेगुनाह पति-पत्नी को छुड़ाने की कोशिश एनसीबी की टीम ने मुंबई पुलिस से की बातझांसे में आकर ड्रग्स ट्रैफिकिंग के हो गए थे शिकार
कतर के एक जेल में ड्रग्स ट्रैफिकिंग के झूठे केस में बंद भारतीय पति पत्नी को रिहा कराने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कोशिशें तेज कर दी हैं. इस मामले में एनसीबी के डीजी राकेश अस्थाना और NCB के डिप्टी डायरेक्टर (ऑपरेशन) केपीएस मल्होत्रा ने आज मुंबई के पुलिस कमिश्नर से बात की.
इस दौरान दोनों एजेंसियों ने अहम बातचीत की. NCB ने मुंबई पुलिस से कतर ड्रग्स मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज मांगे हैं. एनसीबी के मुताबिक मुंबई पुलिस इस मामले की जांच में NCB को पूरा सहयोग कर रही है.
मुंबई पुलिस से मिले दस्तावेजों का अध्ययन कर NCB अपनी जांच रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को सौंपेगी. इसके बाद बाकी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद केपीएस मल्होत्रा के नेतृत्व में NCB की टीम कतर जाकर बेगुनाह पति पत्नी को वापस भारत लेकर आएंगे.
इसके बदले में कतर ड्रग्स मामले की मुख्य आरोपी को भारत सरकार कतर सरकार को सौंपेगी.
क्या है मामला
बता दें कि पिछले साल इस पति-पत्नी को कतर के दोहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था. बाद में कानूनी प्रक्रिया के बाद कतर की अदालत ने पति-पत्नी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी.
एनसीबी की जांच में साबित हुआ कि इस पति-पत्नी को इसके एक रिश्तेदार ने ही धोखा दिया था. इनके एक महिला रिश्तेदार ने इन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया कि ये उनका एक पैकेट लेकर कतर चले जाएं. इस महिला ने कहा था कि पैकेट में तंबाकू है, लेकिन जांच के दौरान इस पैकेट में हशीश मिला था.
बाद में मुंबई पुलिस ने इस महिला और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया था. मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.