नई दिल्ली। रमज़ान उल मुबारक के एक महीने के रोज़े रखने के बाद ईद का खुशियों भरा दिन आता है। ईद सबसे प्रमुख इस्लामी त्योहारों में से एक है जो शव्वाल महीने में मनाया जाता है। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय महीने भर के रमजान के रोजे खत्म होने का जश्न मनाते हैं। बता दें, रमजान के महीने भर के उपवास के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के बाद ईद का पर्व शुरू होता है। शव्वाल महीने में मनाई जाने वाली इस ईद के त्योहार को ‘मीठी ईद’ के नाम से भी जानते हैं।
ईद के चांद का महत्व
ईद पर्व और इसकी तारीख काफी हद तक चंद्रमा के दिखने पर निर्भर करती है जो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है। मुस्लिम समुदाय आकाश में स्पॉट किए जाने वाले अर्धचंद्र की प्रतीक्षा करते हैं और फिर उत्सव शुरू करते हैं।
कोरोना काल में ऐसे मनाया जाएगा ईद का पर्व
कोरोना महामारी को देखते हुए ईद की खुशियां इस बार सिमट कर रह गई हैं। ईदगाह और मस्जिदों में सार्वजनिक रूप से नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। समाज के लोग घरों में नमाज पढ़कर बिना हाथ मिलाए और गले मिले दूर से ही एक दूसरे को मुबारकबाद देंगे। ऐसी स्थिति में जामा मस्जिद के शाही इमाम ने वीडियो जारी कर लोगों से सुरक्षित रहने और घरों में ईद की नमाज अदा करने की अपील की है। कोरोना महामारी के मद्देनजर दक्षिणी पूर्वी जिले के डीसीपी राजेंद्र प्रसाद मीणा ने वीडियो जारी कर लोगों से ईद पर्व घर पर मनाने की अपील की है।