- मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 5 वें दीक्षान्त समारोह राज्यपाल ने दीं उपाधियाँ
- दीक्षांत समारोह में 859 छात्र व 332 छत्राओं को प्रदान की गयी उपाधियां
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, गोरखपुर के पांचवें दीक्षान्त समारोह में 16 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल तथा 1191 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने गोल्ड मेडल एवं उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि वे लगातार अपने जीवन में आगे बढ़ते रहे और अपने देष को आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें एक अच्छा नागरिक बनाती है, यह डिग्री सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि आपका और देष का भविष्य है। इस अवसर पर राज्यपाल ने 859 छात्र एवं 332 छात्राएं को उपाधियां प्रदान की।
राज्यपाल ने छात्र व छात्राओं से कहा कि तक आपने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जो कुछ सीखा है, उसका उपयोग समाज के लिए करें। गांव-गांव जाकर महिलाओं, बच्चों की समस्याओं को समझ कर उसे हल करने का कार्य भी करें। उन्होंने आगे कहा कि बेहतर उच्च शिक्षा तभी मिलती है, जब हमारी प्राथमिक षिक्षा अच्छी हो, इसी कारण इस समारोह में प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को बुुलाया गया है, यही बच्चे आगे चलकर गोल्ड मेडल एवं उपाधियां भी हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में दिये गये प्राविधानों के अनुसार 2030 तक देश के 50 प्रतिशत युवाओं को कालेज, विश्वविद्यालय तक पहुंचाना है, यह तभी संभव है जब हम अपनी प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करें, प्राथमिक शिक्षा में बच्चे आयेंगे तभी उच्च शिक्षा के लिए युवा तैयार होंगे। हम लोग इस कार्य में तभी सफल हो पायेंगे जब प्रत्येक गांव का हर एक बच्चा स्कूल जाने लगे।
इस अवसर पर जल पुरूष के रूप में प्रसिद्ध राजेन्द्र सिंह ने कहा कि विज्ञान को अध्यात्म से जोड़कर ही तकनीकी विकास की कल्पना की जा सकती है। उन्होंने कुलपति से अपेक्षा की कि इस विष्वविद्यालय में पर्यावरण की रक्षा के लिए भी पाठ्यक्रम चलाया जाये।
कार्यक्रम विषिष्ट अतिथि के रूप में प्रौद्योगिकी षिक्षा राज्य मंत्री संदीप कुमार सिंह ने कहा कि उच्च षिक्षा का उद्देष्य ज्ञान व रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि दुनिया में अपना योगदान देना है। उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में जो अच्छा होगा वही दुनिया में आगे रहेगा। आज की पूरी दुनिया तकनीक पर आधारित है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को तेजी से आगे बढ़ाना है। इसके लिए गुरूजन एवं विद्यार्थियों को जिम्मेदारी लेनी होगी।