सिस्टम से सवाल : फर्जी अस्पतालों में लगातार मौतों का जिम्मेदार कौन?

लखीमपुर खीरी।जिले में अवैध और मानक विहीन अस्पतालों के गोरखधंधे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला कस्बा रामपुर स्थित गैर पंजीकृत बालाजी हॉस्पिटल का है, जहाँ गलत ऑपरेशन के दौरान एक महिला की मौत हो गई। घटना के बाद कथित डॉक्टर और अस्पताल संचालक ताला लगाकर फरार हो गए। मृतका अमृतनगर निवासी बताई जा रही है।

महिला की मौत से आहत परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने मामले को संज्ञान में लेकर सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता को जांच के निर्देश दिए। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि सीएमओ रसूखदार नेताओं के दबाव में लगातार ऐसे मामलों पर मौन साधे रहते हैं।

लोगों के सवाल – जांच टीमें कहाँ हैं?
जिला प्रशासन की ओर से 16 दो सदस्यीय जांच टीम गठित करने का दावा किया गया था। लेकिन हकीकत यह है कि इन टीमों की सक्रियता कहीं नजर नहीं आ रही है। रामपुर, महेवागंज, गोलारोड, लालपुर बैरियर, छाउछ और राजापुर जैसे क्षेत्रों में कोई छापेमारी नहीं हुई। लोगों का कहना है कि यह टीमें केवल कागज़ों पर दौड़ रही हैं।

सीज अस्पताल फिर कैसे खुले?
सूत्रों के मुताबिक, गत माह रामपुर बाजार के दो मानकविहीन अस्पताल सीज किए गए थे। लेकिन उनमें से एक अस्पताल कुछ दिनों बाद फिर चालू हो गया। इससे सिस्टम में भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के आरोपों को बल मिल रहा है।

स्थानीय लोगों के आरोप
जानकारों का कहना है कि सीएमओ की कार्यशैली से आहत होकर जिले के दो डॉक्टर पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। आरोप यह भी है कि जिला अस्पताल और सीएचसी पर भारी कमीशनखोरी चल रही है, प्रसूताओं को मिलने वाले पोषाहार में घोटाले हो रहे हैं और मरीजों को बाहर की दवाएँ लिखी जाती हैं।

जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी ने बताया कि “मामला संज्ञान में आया है। स्वास्थ्य विभाग को जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता से कई बार संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।