Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the 3d-flip-book domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
दिल्ली में कोविड-19 जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा, आरोपी गिरफ्तार- Amar Bharti Media Group जुर्म

दिल्ली में कोविड-19 जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा, आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि जब कोई व्यक्ति अपनी जांच देने पराशर की क्लिनिक पर आता था तो वहां कंपाउंडर सोनू इस बात पर गौर करता कि उसे बुखार, खांसी जैसे कोविड-19 के लक्षण तो नहीं हैं।

जिनमें ये लक्षण मिलते, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव दे दी जाती और जिनमें कोई लक्षण नहीं होता, उनकी नेगेटिव रिपोर्ट बना दी जाती।

 नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कम-से-कम 75 लोग एक जालसाज डॉक्टर का शिकार हो गए। साउथ दिल्ली के इस डॉक्टर ने लोगों को जांच के लिए लैब के बाहर लाइन से छुटकारा दिलाने का वादा किया था।

इस चक्कर में लोग डॉक्टर के चंगुल में फंस गए। हालांकि, फर्जीवाड़े का भेद खुल गया और 34 वर्षीय डॉक्टर कुश बिहारी पराशर अभी पुलिस गिरफ्त में है।

वह पिछले ढाई महीने से यह फर्जीवाड़ा कर रहा था जिसमें दो कंपाउंडरों अमित और सोनू उसकी मदद कर रहे थे। अमित भी गिरफ्तार हो चुका है।

 

एक स्पेलिंग मिस्टेक और खुल गई पोल-पट्टी

खुद को डॉक्टर इन मेडिसीन (MD) डिग्रीधारी होने का दावा करने वाले पराशर ने प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में इस्तेमाल होने वाले कोविड-19 टेस्ट किट जैसे दिखने वाले किट उपलब्ध कर लिए।

वो हर व्यक्ति से 2,400 रुपये लेकर फर्जी रिपोर्ट दे रहा था। लेकिन एक मरीज के स्पेलिंग में गलती ने उसका सारा पोल खुल गया।

हुआ यह कि अस्पतालों को नर्सिंग स्टाफ मुहैया कराने वाली एक प्लेसमेंट एजेंसी ने 30 अगस्त को दो अभ्यर्थियों से कोविड-19 की जांच करवाने को कहा।

उन दोनों ने पराशर की क्लिनिक को अपने नमूने दे दिए। पराशर ने दोनों को साउथ दिल्ली के एक प्रतिष्ठित लैब की तरफ से फर्जी रिपोर्ट बनाकर दोनों को वॉट्सऐप कर दिया।

जब नाम में स्पेलिंग की गलती मिली तो व्यक्ति पराशर के पास न जाकर सीधे वह लैब पहुंच गया जिसके नाम से फर्जी रिपोर्ट उसे मिली थी।

जब लैब ने रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि इस नाम के किसी व्यक्ति के नमूने की जांच कभी हुई ही नहीं।

साथ बैठकर पी थी शराब, कर दी दोस्‍त की हत्‍या

फोटो एडिंटिंग कर बनाते थे रिपोर्ट

साउथ दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर ने बताया कि लैब ने अपने नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ हौज खास पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवा दी।

उन्होंने कहा, ‘एफआईआर रजिस्टर कर जांच की गई।’ पुलिस ने बताया कि जब कोई व्यक्ति अपनी जांच देने पराशर की क्लिनिक पर आता था तो वहां कंपाउंडर सोनू इस बात पर गौर करता कि उसे बुखार, खांसी जैसे कोविड-19 के लक्षण तो नहीं हैं।

जिनमें ये लक्षण मिलते, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव दे दी जाती और जिनमें कोई लक्षण नहीं होता, उनकी नेगेटिव रिपोर्ट बना दी जाती। वो जमा किए गए सैंपल्स यूं ही फेंक देते और फोटो एडिंटिंग करके रिपोर्ट बना दिया करते।

वो इतनी बारीकी से रिपोर्ट तैयार करते कि असली और नकली में अंतर करना मुश्किल हो जाए। पुलिस ने कहा कि आगे की जांच जारी है।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के रिश्तेदार से लखनऊ में लूटपाट!

क्यों कर रहा था फर्जीवाड़ा, पराशर ने बताया

कुश बिहारी पराशर ने पुलिस गिरफ्त में आने के बाद कहा कि वो मालवीय नगर में रहता है। उसके पिता राजस्थान के करौली में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट हैं।

उसे अपनी गर्भवती पत्नी की देखभाल और कार की ईएमआई भरने के लिए पैसे की जरूरत थी, इसलिए वो फर्जी कोविड रिपोर्ट के नाम पर लोगों को ठगने लगा।

पराशर ने अपनी प्रैक्टिस स्टार्ट करने से पहले एक छोटे अस्पताल में असिस्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में नौकरी की थी।

उसने कहा कि 2012 में उसने रूस की यूनिवर्सिटी से मेडिकल डिग्री ली थी। पुलिस उसके दावों की जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि इस रैकेट से और लोग जुड़े हो सकते हैं।