बयान के उछलने पर केंद्रीय मंत्री ने दी सफाई
नई दिल्ली। बीते गुरूवार को जहां एक तरफ किसानों ने दिल्ली के भीतर जंतर मंतर के पास अपनी संसद लगाकर प्रदर्शन की नई दिशा तय की। तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर हमला बोलते हुए कहा कि वे किसान नहीं मवाली है…ये आपराधिक कृत्य है। जो 26 जनवरी को हुआ वह शर्मनाक आपराधिक गतिविधि थी और विपक्ष ने ऐसे कृत्यों को बढ़ावा दिया। जिसपर प्रतिकिया देते हुए किसान नेता व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि- हमारे देश के किसानों को लेकर इस तरह की टिप्पणियां करना गलत है।’ राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हम किसान हैं, बदमाश नहीं हैं। हम किसान इस देश के ‘अन्नदाता’ हैं।
किसान नेताओं ने किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के इस बयान पर राकेश टिकैत के अलावा कई किसान नेता आगे आए और शिव कुमार कक्का ने लेखी को उन्हीं के बयान पर लपेटते हुए कहा कि ‘इस तरह की टिप्पणी देश के 80 करोड़ किसानों का अपमान है। अगर हम बदमाश हैं तो मीनाक्षी लेखी जी को वह अन्न खाना छोड़ देना चाहिए जो हम उगाते हैं। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। हमने किसानों की संसद में उनके बयान पर निंदा प्रस्ताव पारित किया है।’
बयान के बाद सफाई
किसानों को मवाली कहने वाले बयान पर चर्चा होने पर मीनाक्षी लेखी सफाई देते हुए आगे आई और कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया। बकौल लेखी,”26 जनवरी हिंसा व मीडियाकर्मी पर हुए हमले पर मैंने कहा था यह किसानों का काम नहीं हो सकता, मवाली ही ऐसा कर सकते हैं।