देश की राजधानी दिल्ली पिछले कुछ दिनों से किसानों के आंदोलन की गवाह बनी है. दिल्ली से सटी सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने डेरा जमा लिया है. सरकार ने किसानों के प्रदर्शन के लिए बुराड़ी में एक ग्राउंड की व्यवस्था की है, लेकिन ये मैदान खाली पड़ा है. किसानों का कहना है कि यहां से उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. इससे पहले कुछ किसान वापस ग्राउंड से बॉर्डर चले गए.
पंजाब के अमृतसर से दिल्ली पहुंचे किसानों ने बुराड़ी ग्राउंड के एंट्री प्वाइंट पर अपना डेरा जमाया है. पिछले तीन दिन से किसानों की कोशिश है कि वो जंतर-मंतर पहुंचे, लेकिन प्रशासन की ओर से इजाजत नहीं मिली है.
किसान यूनियन (अमृतसर) के अध्यक्ष जसकरण सिंह का कहना है कि वे लोग ट्रैक्टर पर जंतर-मंतर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और बुराड़ी ग्राउंड में ले लाए. उन्होंने दावा किया कि मजनूं का टीला इलाके से उन्हें लाया गया है.
अब किसान लगातार जंतर मंतर पर जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन मंजूरी नहीं दे रहा है. सोमवार को किसानों ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं का विरोध किया, पुतला फूंका. साथ ही कुछ किसान अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. किसानों की ओर से लगातार बुराड़ी लाए जाने का विरोध किया जा रहा था और इसे ओपन जेल करार दिया गया था.
आपको बता दें कि पिछले चार-पांच दिनों से पंजाब से आए किसानों ने दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डेरा जमाया हुआ है. किसानों की मांग है कि वो दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाकर प्रदर्शन करना चाहते हैं, हालांकि सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी है. ऐसे में किसान बॉर्डर पर ही डेरा जमाकर बैठ गए हैं, जिसके कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में कनेक्टविटी की दिक्कत है.
किसानों और सरकार में बातचीत की कोशिश भी हो रही है, सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ किसान नेताओं से चर्चा की है. ऐसे में प्रदर्शनकारी और सरकार के बीच समझौता होने की उम्मीद है.