
फतेहाबाद (आगरा)।
प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण जनता को निःशुल्क और सुलभ इलाज देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, ताकि लोगों को समय पर उपचार मिल सके और झोलाछाप डॉक्टरों के पास न जाना पड़े। लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। फतेहाबाद ब्लॉक के ग्रामीण इलाकों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर अब खुद “बीमार” नज़र आ रहे हैं।

🚨 23 में से 9 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नहीं हैं CHO की तैनाती
ब्लॉक फतेहाबाद के 23 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में से 9 केंद्रों पर CHO की तैनाती ही नहीं है, और ये केवल ANM के भरोसे चल रहे हैं।
रिहावली, रसीलपुर, प्रतापपुर, जरारी, हिमायू, गुबरोठ, नगला देवहंस और सारंगपुर जैसे केंद्र महीनों से बंद हैं। कई स्थानों पर ANM ट्रेनिंग या मातृत्व अवकाश पर हैं और स्वास्थ्य केंद्रों के गेट पर ताले लटके हैं।
ग्राम प्रतापपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर तो पिछले छह महीनों से ताला बंद है। स्थानीय लोगों के अनुसार तैनात एएनएम बबीता छह महीने पहले ताला लगाकर चली गई थीं और तब से लौटकर नहीं आईं।
💊 सुविधाओं का दावा, ज़मीनी स्तर पर नदारद
सरकार के निर्देशानुसार इन मंदिरों पर 70 से अधिक दवाओं और 20 प्रकार की जांचों की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकतर केंद्र बिना स्टाफ और बिना दवा के बंद पड़े हैं।
ग्रामीण अब अपनी ज़िंदगी झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे जी रहे हैं।
हर साल रखरखाव के नाम पर 50 हजार का बजट, लेकिन हिसाब गायब
हर साल सरकार इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के रखरखाव के लिए ₹50,000 का बजट देती है, साथ ही सफाईकर्मी को ₹1000 प्रति माह का भुगतान भी होता है। लेकिन यह रकम कागज़ों में ही खर्च दिखाई जाती है, जबकि ज़मीन पर कहीं सुधार नहीं दिखता।
जिम्मेदारों को नहीं है जानकारी
जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद के अधीक्षक डॉ. उदय प्रताप रावल से प्रतापपुर केंद्र की स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा —
“मुझे जानकारी नहीं है कि यह आयुष्मान आरोग्य मंदिर खुलता भी है या नहीं, और इस पर किसकी तैनाती है।”
यह बयान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का सीधा उदाहरण है।
⚠️ ग्रामीणों में आक्रोश और निराशा
ग्रामवासियों का कहना है कि अधिकारी केवल दिखावे के निरीक्षण करते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सभी बंद आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को तुरंत चालू कराया जाए और लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।