फतेहपुर में फौजी की हत्या से गांव में तनाव, नागपंचमी पर नहीं हुआ पारंपरिक खेल आयोजन

रिपोर्टर – धीरेन्द्र तिवारी
पकड़ी बाजार, देवरिया।
फतेहपुर गांव में सेवानिवृत्त फौजी रामदयाल कुशवाहा की हत्या के बाद से गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। हत्या का कारण विवादित जमीन पर बोलेरो घुमाने को लेकर हुआ आपसी विवाद बताया जा रहा है, जिसने सोमवार को खूनी रूप ले लिया।

घटना के बाद से गांव में पुलिस और PAC का भारी बल तैनात है। चौक-चौराहों से लेकर मंदिरों तक हर जगह हत्या की चर्चा हो रही है। ग्रामीणों में भय और गुस्सा व्याप्त है।

नागपंचमी पर टूटी परंपरा, खेल मैदान में छाया सन्नाटा

फतेहपुर गांव का चन्द्रेश्वरनाथ मंदिर खेल मैदान, जो पिछले पचास वर्षों से नागपंचमी पर खेल प्रतियोगिताओं का गवाह रहा है, इस बार सूनसान पड़ा रहा।

हर साल की तरह इस बार भी यहां दंगल, कबड्डी, दौड़ जैसे खेलों का आयोजन प्रस्तावित था, जिसमें अंचल के दर्जनों गांवों से युवा खिलाड़ी और पहलवान भाग लेने वाले थे। लेकिन हत्या की खबर और तनाव के माहौल के कारण पूरा आयोजन रद्द कर दिया गया।

गांव के छोटे बच्चों ने मैदान में कबड्डी खेलकर परंपरा निभाने की कोशिश जरूर की, लेकिन जहां हर वर्ष हजारों की भीड़ जुटती थी, वहां इस बार सन्नाटा पसरा रहा।

गांव के विजय प्रताप श्रीनेत, राजाराम यादव, ओमप्रकाश यादव, अरुण कुमार सिंह और मनोज पाल जैसे ग्रामीणों ने दुख जताते हुए कहा कि—

“एक टुकड़ा जमीन के लिए लोग एक-दूसरे के जान के दुश्मन बन गए हैं। इससे गांव की छवि धूमिल हो रही है और हम सब बेहद आहत हैं।”

पीड़ित परिवार से मिले पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह

घटना की सूचना मिलते ही सपा के पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ खोखा सिंह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि—

“यह हत्या प्रशासन की लापरवाही और विवाद के समय पर समाधान न होने का नतीजा है।”

उन्होंने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी और न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।