अग्निशमन विभाग के अभी तक दो कर्मी हो चुके संक्रमित, फिर भी डटे हैं ‘सूरमा’
गाज़ियाबाद। मौजूदा दौर काफ़ी मुश्किलों भरा है। महामारी की मार से हर कोई परेशान भी है और ख़ौफ़ज़दा भी। कोरोना योद्धाओं की फ़ौज भी जी-जान से लोगों को बचाने में जुटी है। इसी फ़ौज की एक ऐसी भी टुकड़ी है, जिसके बारे में ज़ल्दी कहीं न पढ़ने को मिलता है और न ही जानने को। लेकिन, इस अमले का हर एक सिपाही ख़ुद में सिपहसालार भी है और ख़ुद में ही पूरी फ़ौज भी। हम बात कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश की अग्निशमन विभाग की। एक ऐसा विभाग जिसके बारे में लोग सिर्फ़ इतना जानते हैं कि जब कहीं आगज़नी हो जाती है, तो ये देवदूत बनकर आते हैं और जान बचाते हैं। लेकिन, आजकल इस फ़ौज की ज़िम्मेदारी और भी बढ़ गई है।
अब यह भी है ज़िम्मेदारी
दरअसल, कोविड-19 महामारी के विषम हालातों में अग्निशमन विभाग के कंधों पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी आ गई है। जिसको अग्निशमन विभाग के सिपहसालार यानी कोरोना योद्धा बड़ी ही तत्परता और तन्मयता से निष्पादित कर रहे हैं। अग्निशमन विभाग के कर्मी प्रतिदिन 100 सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों और कॉलोनियों को सैनिटाइज कर रहे हैं। जिससे कि लोगों को कोविड के संक्रमण से बचाया जा सके।
अभी तक 2 लोग हुए पॉजिटिव
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने ‘अमर भारती’ को बताया कि, सैनिटाइजेशन के कार्य दौरान 2 कर्मी फायरमैन बलराम और चालक रवीन्द्र कोविड पॉज़िटिव भी हो गए। लेकिन, अपनी जान जोख़िम में डालकर लोगों को इस महामारी से बचाने के कार्य में दिन-रात लगे हुए हैं। कुल मिलाकर 3 से 5 छोटे-बड़े वाहन सैनिटाइजेशन के काम में लगे हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि जिले के सभी सरकारी संस्थान, सब्ज़ी मंडी, हॉट स्पॉट, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अग्निशमन विभाग के कर्मी सैनिटाइजेशन का कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करने जुटे हुए हैं।
सुबह से शाम तक करते हैं सैनिटाइजेशन
सीएफओ श्री सिंह ने आगे बताया कि, सैनिटाइजेशन का कार्य अल सुबह से देर शाम तक लगातार जारी रहता है। हालांकि, इस कार्य में कर्मियों के संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है। प्राप्त संसाधनों के उपयोग से कर्मी सैनिटाइजेशन कार्य करते हुए स्वयं को भी संक्रमित होने से बचाने का हर सम्भव प्रयास करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि, इस मुश्किल वक़्त में हर कर्मी जान की बाज़ी लगाकर भी आमजन की रक्षा को तत्पर है।