
मसौली, बाराबंकी। ब्लॉक संसाधन केंद्र बड़ागांव में पांच दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण के अंतिम बैच का समापन खंड शिक्षा अधिकारी जैनेंद्र कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण में एनसीईआरटी द्वारा विकसित वीणा पाठ्यपुस्तक, गणित-मेला, निपुण भारत मिशन के संशोधित लक्ष्य, कक्षा-विशिष्ट शिक्षण योजनाएँ और संतूर पाठ्यपुस्तक की विशेषताओं पर चर्चा की गई। शब्दावली निर्माण, भाषा-अधिग्रहण और भाषा-अध्ययन में उत्पन्न अंतर को पाटने की तकनीकें, श्रवण-कौशल, वाचन-कौशल, संप्रेषणीय अंग्रेज़ी, शुद्ध वाक्य-रचना, उच्चारण सुधार, व्याकरणिक संरचना और भाषा खेल के माध्यम से रचनात्मकता, कल्पनाशक्ति, सहयोग एवं प्रतियोगिता भावना के विकास पर बल दिया गया।
खंड शिक्षा अधिकारी जैनेंद्र कुमार ने कहा कि निपुण भारत मिशन तभी सफल होगा जब शिक्षण कक्ष में अधिगम प्रक्रिया बालक केंद्रित, आनंदमयी और सर्वसमावेशी बने। एआरपी आदित्य कुमार वर्मा ने पाठ्यपुस्तक के साथ कार्यपुस्तिका के संगत प्रयोग से बालकों की आत्मगत समझ बढ़ने पर बल दिया। एआरपी राहत फातिमा ने भाषा-अध्यापन में खेलाधारित पद्धति के महत्व को रेखांकित किया। एआरपी आशीष कुमार शुक्ला ने समावेशी कक्षा वातावरण से प्रत्येक बालक को उसकी गति और शैली के अनुसार सीखने का अवसर प्राप्त होने की बात कही। एआरपी उमेश कुमार वर्मा ने नवीन शैक्षणिक तकनीकों से बच्चों की सृजनात्मकता एवं समस्या-समाधान कौशल के विकास पर प्रकाश डाला।
एआरपी राजेश कुमार यादव ने भारतीय एवं पाश्चात्य दर्शन की तुलनात्मक व्याख्या करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान-परंपरा न केवल बौद्धिक जिज्ञासा तक सीमित रही, बल्कि आत्मोन्नति और लोकमंगल की दिशा में अग्रसर रही। शिक्षक इस अमूल्य विरासत का सम्यक् समन्वय आधुनिक शिक्षण-पद्धतियों में करें, ताकि बच्चों में ज्ञान के साथ संस्कार भी विकसित हों।
समापन सत्र में समूह-चर्चा के माध्यम से प्रशिक्षण की पुनरावृत्ति कराई गई। इस प्रशिक्षण में कहकशा शाहिद, दीनानाथ शुक्ल, सुधा वर्मा, लवलेश यादव, मंशाराम, शिवम तिवारी, असफी फातिमा, संतोष कुमार, सुभाष कुमार, संजय कुमार, रामशरण मौर्य, श्रीमती प्रिया वर्मा, ट्विंकल कनौजिया, साधना यादव, अजर परवीन, विनीस फरहा, शिवानी सफिया खातून, कविता सिंह, श्वेता वर्मा, रामहेत वर्मा, शिप्रा पाल, ममता देवी, सरिता देवी, सुरेश चंद्र, पवन कुमार, सुनील कुमार सहित अन्य अध्यापक-अध्यापिकाओं की सक्रिय सहभागिता रही।