लखनऊ। भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश और बिहार में हालात काफी गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में गंगा खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। सड़कें पानी में डूब गईं हैं और लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। गंगा से लगते जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा से लगते इलाकों में 14 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
नीतीश कुमार ले रहे हैं बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा
बिहार में मुख्यमंत्री आरा और सारण जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘बाढ़ पीड़ित इलाकों में हुई क्षति का आंकलन ठीक से हो। किसानों की धान रोपनी के नुकसान का भी आंकलन कराया जाए। अधिकारी-कर्मचारी, पीड़ित लोगों से संपर्क बनाए रखें और पूरी तत्परता के सबकी सहायता करें।
बिहार में बाढ़ के कारण हालात भयावह
बिहार के तटवर्ती जिलों में 22 लाख से अधिक की आबादी पानी से घिर गई है। राज्य में 12 जिले ऐसे हैं, जहां से गंगा गुजरती है। बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार के दियारा इलाके के सैकड़ों गांव जलमग्न हैं और हजारों की आबादी प्रभावित है। राजधानी पटना से सटे दानापुर के कई गांवों में पानी घुस गया है। लोग पलायन करने लगे हैं।
यूपी के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित
उत्तर प्रदेश के 24 जिलों के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। दक्षिणी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, बांदा और जालौन सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं, जहां बाढ़ का भीषण कहर देखने को मिल रहा है। तो वहीं इटावा जिले में 67 गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में 110 गांव ऐसे हैं जो पूरी तरह बाहरी दुनिया से कट चुके हैं। प्रयागराज, गाजीपुर और बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यमुना भी पांच जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।