Delhi Weather Update: दिल्ली पर फिर मंडराया बाढ़ का खतरा

Delhi Weather Update: राजधानी दिल्ली जहां हर दिन लाखों लोग जिंदगी की रफ्तार में दौड़ते हैं। लेकिन आज उसी दिल्ली पर फिर से मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा। हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी और लगातार हो रही बारिश ने यमुना को खतरे के निशान से ऊपर धकेल दिया है।

Delhi Weather Update: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

सवाल ये है क्या दिल्ली फिर से जुलाई 2023 जैसा जलसंकट झेलेगी, केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, सोमवार सुबह छह बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 205.68 मीटर दर्ज किया गया। यानी खतरे के निशान 205.33 मीटर से करीब 3 फुट ऊपर। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब पानी पुराने लोहे के पुल तक पहुंच चुका है।

इतिहास गवाह है कि जब भी हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा गया, दिल्ली के निचले इलाकों में जिंदगी ठहर गई। और इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही बनते नज़र आ रहे हैं। सबसे पहले खतरा मंडरा रहा है यमुना बाजार पर, जो हर बार सबसे पहले डूबता है।

इसके अलावा, मजनू का टीला, वजीराबाद, रिंग रोड का हिस्सा और कश्मीरी गेट, आईटीओ और राजघाट क्षेत्र, पुराना किला के आसपास का इलाका, शांति वन और गीता कॉलोनी इन सभी जगहों पर पानी घुसने की आशंका है। खासकर ऑफिस जाने वाले लोगों के लिए ITO और कश्मीरी गेट पर यातायात का बिगड़ना सबसे बड़ी चुनौती हो सकता है।

बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली प्रशासन ने बचाव दलों को अलर्ट कर दिया है। NDRF और स्थानीय एजेंसियों को स्टैंड-बाय मोड पर रखा गया है। निचले इलाकों में रहने वालों को पहले ही सतर्क किया जा रहा है। कई जगहों पर लोगों को शिफ्ट कराने का काम शुरू हो चुका है। प्रशासन की अपील है कि कोई भी शख्स यमुना किनारे न जाए और सुरक्षा निर्देशों का पालन करे।

दिल्ली की जनता जुलाई 2023 को भूली नहीं है। उस वक्त यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था—जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। उस बाढ़ में हजारों लोग विस्थापित हुए, यातायात ठप हुआ और कई दिनों तक राजधानी अस्त-व्यस्त रही। यही वजह है कि इस बार प्रशासन पहले से तैयार रहने की कोशिश कर रहा है। लेकिन असली चुनौती है, क्या लगातार बारिश और हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी फिर से दिल्ली को संकट में धकेल देगा

दिल्ली की इस नाजुक स्थिति में सबसे अहम है सतर्क रहना।
यमुना किनारे न जाएं।
प्रशासनिक अलर्ट को नज़रअंदाज़ न करें।
जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।

यमुना का हर बढ़ता इंच दिल्ली की रफ्तार को रोक सकता है। फिलहाल सवाल ये है कि क्या इस बार राजधानी बचेगी, या फिर पानी में डूब जाएगी दिल्ली की रफ्तार