आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को होने जा रही है फांसी

मथुरा:  देश के आजादी के बाद भारत के इतिहास में ऐसा पहला बार होने जा रहा है कि किसी महिला को फांसी पर लटकाया जाएगा हलॉकि फांसी का डेट सामने नही आया है। लेकिन इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। निर्भया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद भी 2 बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं।

आप को बता दें कि अमरोहा में रहने वाली शबनम ने 15 अप्रैल  2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने 7 परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या करने के  बाद शबनम जोर- जोर से रोने लगी। रोने के कारण आस पास के लोग इक्ठ्ठा हो गए।

मौके पर मौजूद लोगो ने देखा की 7 ,शव खुन से लथपथ जमीन पर पड़ा था और शबनम रोते हुए बता  रही थी की लुटेरों ने लुट कर हत्या कर दी मौके पर मौजूद परिजनों ने पुलिस को सुचना दी। पुलिस ने शव को पोस्मार्टम के लिए भेज दिए। और केस की छान-बान गहराई करने के बाद पता चला की यह हत्या शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर किया है।

मामला पता चलने के बाद पुलिस ने शबनम और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया। हत्याकाडं के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है. लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा. मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था।

लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई. वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तयारी शुरू कर दी है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।