Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
पूर्व डीजीपी गुपतेश्वर पांडेय का टूटा सपना, पार्टी ने नहीं दिया टिकट- Amar Bharti Media Group राजनीति

पूर्व डीजीपी गुपतेश्वर पांडेय का टूटा सपना, पार्टी ने नहीं दिया टिकट

पटना। खाकी छोड़ जनता दल यूनाइटेड (JDU) का हाथ थामने वाले बिहार के डीजीपी गुपतेश्वर पांडेय का चुनाव लड़ने का सपना टूट गया है। गुपतेश्वर पांडेयय बिहार की बक्सर सीट से चुनाव लड़ने की जुगत में थे, पर एनडीए की सीट शेयरिंग में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई। बीजेपी ने हवालदार रहे परशुराम चतुर्वेदी को यहां से टिकट दिया है।

वह खुद को बक्सर का बेटा और बिहार के सिपाही के तौर पर सोशल मीडिया पर लंबे समय से प्रचार कर रहे थे। जेडीयू की 115 सीटों पर घोषित उम्मीदवारों की लिस्ट में भी गुपतेश्वर पांडेयय का नाम नहीं है। हालांकि गुपतेश्वर पांडेय का कहना है कि वह भले ही चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन NDA का पूरा समर्थन करेंगे।

क्या कहा गुपतेश्वर पांडेय ने?

पूर्व डीजीपी पांडेय ने कहा, मेरे वीआरएस लेने और पार्टी की सदस्यता लेने को सीधे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। चुनाव लड़ने की संभावना थी, किसी कारणवश ये समीकरण नहीं बैठा। राजनीति में बहुत सारी मजबूरियां होती हैं, लेकिन मैं एनडीए के साथ हूं और एनडीए के साथ रहूंगा।

वहीं, बुधवार को पूर्व डीजीपी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि ‘अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें।’

सुशांत केस को लेकर बीते दिनों से सुर्खियों में गुपतेश्वर पांडेय

बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत मामले पर बेबाक राय रखने वाले गुपतेश्वर पांडेय का नाम बीते दिनों से ही सुर्खियों में रहा है। इस मामले को लेकर पूर्व डीजीपी ने नीतीश कुमार के सुशासन की जमकर तारीफ भी की थी। गुपतेश्वर पांडेयय बिहार काडर के 1987 बैच के IPS अफ़सर है, जिस समय बिहार के कई जिलों में नक्सलवाद फैला हुआ था।

हाल ही में स्वेच्छा से रिटायरमेंट (VRS) लिया है। गुपतेश्वर पांडेय को  टिकट नही मिलने पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि शायद उनके सवालों से बीजेपी डर गई होगी, इसीलिए उनका टिकट कट गया। देशमुख ने कहा, हमने बीजेपी नेताओं से सवाल किया था कि क्या वो गुपतेश्वर पांडेय का प्रचार करने जाएंगे? शायद उसी सवाल के डर से  टिकट नही मिला होगा।

बिहार में तीन चरणों में होगा चुनाव

-28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान- 16 जिलों की 71 सीटों पर चुनाव, 31 हजार पोलिंग बूथों पर वोट डाले जाएंगे।

-3 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान- 17 जिलों की 94 सीटों पर चुनाव, 42 हजार पोलिंग बूथों पर वोट डाले जाएंगे।

-7 नवंबर को  तीसरे चरण का मतदान – 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव, 33 हजार पोलिंग बूथों पर वोट डाले जाएंगे।

-बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।

कोरोना काल में पहला चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कोरोना महामारी के कारण दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में चुनाव टाला गया। कोरोना काल में बिहार का चुनाव विश्व का सबसे बड़ा और पहला चुनाव है। नए सुरक्षा मानकों के तहत चुनाव होंगे। बिहार में एक लाख पोलिंग स्टेशन होंगे।

EVM और VVPAT भी बढ़ाये गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन (EVM) का बटन दबाने के लिए मतदाताओं को ग्लब्स उपलब्ध कराए जाएंगे। संक्रमित या क्वारंटाइन लोग वोटिंग के आखिरी वक्त में मतदान करेंगे।