पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई को नाम पर हुए करोड़ों रूपये के फर्जीवाड़ें में पूर्व डीआईजी अरविन्द सेन को 24 घंटे की रिमाण्ड पर लिया गया था जिसमें उनसे पुछताछ कि जा रही थी।
जिसमें उन्होने कबूला की इस फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी आशीष राय से उनके सम्बन्ध थें लेकिन वह उसके साथ किसी कृत्य में शामिल नहीं थे।
कुछ सवालों पर अरविन्द सेन टेढ़े जवाब दें रहें थे जबकि कुछ सवालों पर वो चुप्पी साधे नजर आ रहें थें। नही कुछ सवालों के जवाब तो वे कोर्ट में देने को बोलें हैं।
आप को बता दें कि पूर्व डीआईजी अरविन्द को लखनऊ जिला जेल से गुरुवार दोपहर हजरतगंज कोतवाली लाया गया। यहां लाते ही उन्हें हवालात में बंद कर दिया गया।
फिर एसीपी श्वेता श्रीवास्तव के आने पर उन्हें कोतवाल के कमरे में ले जाया गया। इस कमरे में करीब चार घंटे तक एसीपी ने पहले से तैयार सवालों को पूछना शुरू किया।
कई सवालों में अरविन्द सेन उलझे भी लेकिन फिर फंसने वाले सवालों पर कभी चुप्पी साध ली तो कभी कोर्ट में जवाब देने की बात कही। इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट पिछले साल 17 जून को इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया ने दर्ज करायी थी।