गगनयात्री’ की घर वापसी: शुभांशु शुक्ला ने पूरे किए ISRO के सभी प्रयोग, CMS में हुआ ऐतिहासिक पल का लाइव प्रसारण!

लखनऊ, देश के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सफलतापूर्वक प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन कर मिशन पूरा किया। जैसे ही स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल ने महासागर की सतह को छुआ, लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS), कानपुर रोड ऑडिटोरियम में मौजूद सैकड़ों छात्रों, शिक्षकों, गणमान्य व्यक्तियों और शुभांशु के परिजनों की आंखों से गर्व और खुशी के आंसू छलक उठे।

भारत माता की जय के नारों और तालियों की गूंज के बीच CMS प्रांगण राष्ट्रीय गौरव और भावनात्मक ऊर्जा से भर गया। इस ऐतिहासिक क्षण का सीधा प्रसारण CMS ने विशेष तैयारी के साथ किया था, जिसे देखकर कई छात्रों के मन में भी अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना जन्म ले चुका है।

शुभांशु का यह मिशन 25 जून को फाल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च हुआ था और 26 जून को वह ISS से जुड़ गए थे। 18 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर उन्होंने ISRO के 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोग पूरे किए, जिनमें मसल रीजेनरेशन, टार्डीग्रेड्स पर अध्ययन, बीज अंकुरण, शैवाल की खेती, फसल की प्रतिरोधक क्षमता, विकिरण प्रभाव और मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव शामिल थे। यह सभी प्रयोग भारत के आगामी गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण आधार हैं।

CMS प्रबंधन और शुभांशु के परिवार द्वारा तीन-स्तरीय विशेष केक काटकर उत्सव मनाया गया, जिसकी हर परत शुभांशु की यात्रा के एक चरण का प्रतीक थी — प्रक्षेपण, अंतरिक्ष प्रवास, और वापसी।

शुभांशु के पिता शंभु दयाल शुक्ला ने भावुक होते हुए कहा, “यह पूरे भारत की उपलब्धि है, जो सामूहिक विश्वास का परिणाम है। मैं CMS परिवार, डॉ. भारती गांधी और प्रो. गीता गांधी किंगडन को धन्यवाद देता हूं।”

CMS प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा, “शुभांशु ने हमारे छात्रों की कल्पनाओं को नई दिशा दी है। वह CMS के ‘जय जगत’ दर्शन का जीता-जागता उदाहरण हैं।”

CMS अलीगंज परिसर, जहां शुभांशु ने शिक्षा पाई थी, वहां भी छात्रों ने भावनात्मक प्रतिक्रिया दी। कक्षा 9 की छात्रा अनन्या मिश्रा ने कहा, “अब मैं भी अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हूं।” कक्षा 11 के आदित्य वर्मा ने कहा, “अब यह सपना नहीं, हकीकत लगती है।”

CMS की संस्थापक-निदेशक डॉ. भारती गांधी ने कहा, “शुभांशु हमारे समय के पथ-प्रदर्शक हैं, जिन्होंने यह साबित किया कि गहरी जड़ें और ऊंचे सपने एक साथ अंतरिक्ष तक पहुंच सकते हैं।”

भारत, ISRO, NASA और SpaceX के लिए यह क्षण गर्व और उपलब्धि का प्रतीक बना है, वहीं CMS के लिए यह एक नई पीढ़ी के सपनों की उड़ान का शुभारंभ है।