गांधी जयंती पर मुरादाबाद में शांति यात्रा | Peace Walk and Gandhi’s Inspiring Thoughts

मुरादाबाद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती (2 अक्टूबर) के अवसर पर मुरादाबाद में शहर की जानी-मानी मित्रमंडली ने विशेष यात्रा और विचार विमर्श का आयोजन किया। सुबह 6:30 बजे प्रीम स्वीट्स से शुरू हुई यह यात्रा हर्बल पार्क तक गई और पुनः प्रीम स्वीट्स पर समाप्त हुई। इस अवसर पर उपस्थित मित्रों ने गांधी जी के सत्य, अहिंसा और सामाजिक समरसता के आदर्शों को याद किया और उनके विचारों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि गांधी जी के आदर्श आज के समय में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। समाज में बढ़ती असहिष्णुता, तनाव और प्रतिस्पर्धा के दौर में बापू के दिखाए मार्ग पर चलना न केवल व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करता है बल्कि समाज में सामंजस्य और सहयोग को भी बढ़ावा देता है। यात्रा के दौरान मित्रों ने गांधी जी के जीवन और उनके संघर्षों की चर्चा की, उनके सिद्धांतों पर विचार विमर्श किया और यह तय किया कि आने वाले वर्षों में ऐसे सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा।

इस यात्रा में बड़ी संख्या में मित्रों ने भाग लिया। प्रमुख नामों में अक्षत चित्रांशु, डॉ. रवि मदान, शेखर सक्सेना, मनीष अरोड़ा, अमित भाटिया, प्रखर गुप्ता, लव के वाधवा, तुषार खन्ना, गुरविंदर सिंह गब्बी, सचिन घावरी, शॉभित अग्रवाल, डॉ. सचिन देव, गौरव गुप्ता, डॉ. निरंकर देव, डॉ. शेखर त्यागी, विजय अरोड़ा, डॉ. अनुराग अग्रवाल (मुन्ना भैया), डॉ. अमित चड्ढा, डॉ. दिशतंर गोयल, डॉ. अनंत राणा, डॉ. शिवम भारद्वाज, डॉ. हिमांशु गुप्ता, मुदित माथुर, मनीष नारंग और सुरिंदर सैनी शामिल रहे। सभी ने इस अवसर पर गांधी जी के विचारों को अपने जीवन और कार्यों में उतारने का संकल्प लिया।

यात्रा की शुरुआत प्रीम स्वीट्स से हुई, जहां प्रतिभागियों ने एकत्र होकर गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि दी और उनके जीवन की महत्ता पर संक्षिप्त चर्चा की। इसके बाद यात्रा हर्बल पार्क की ओर बढ़ी, जहाँ प्रकृति की गोद में बैठे प्रतिभागियों ने गांधी जी के आदर्शों और उनके सत्याग्रह आंदोलनों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान सभी ने अपने व्यक्तिगत अनुभव और बापू के जीवन से मिली प्रेरणा साझा की।

अक्षत चित्रांशु ने कहा, “गांधी जी का जीवन हमें व्यक्तिगत रूप से अनुशासित और समाज के प्रति जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देता है। उनकी सीख आज के समय में और अधिक प्रासंगिक है क्योंकि समाज में अनेक तनाव और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ हैं। हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर जीवन में संतुलन और सामाजिक समरसता कायम करनी चाहिए।”

डॉ. रवि मदान ने कहा, “सत्य और अहिंसा केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि व्यवहार का मार्ग है। गांधी जी के आदर्शों को अपनाकर ही समाज में शांति, सहयोग और मानवता को बनाए रखा जा सकता है। यह यात्रा हमें इस संदेश की याद दिलाने का अवसर प्रदान करती है।”

लव के वाधवा ने जोड़ा, “गांधी जी के विचारों को जीवन में उतारना आसान नहीं है, लेकिन नियमित चर्चा और विचार विमर्श से हम अपने व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं। यह यात्रा हमें बापू के आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा देती है।”

इस मौके पर उपस्थित अन्य प्रतिभागियों ने भी गांधी जी के जीवन और उनके आदर्शों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आज के युग में व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर उनके आदर्शों को अपनाना आवश्यक है। सत्य, अहिंसा, समानता और न्याय के सिद्धांत आज के समाज में दिशा देने वाले हैं।

यात्रा के दौरान प्रतिभागियों ने यह भी चर्चा की कि गांधी जयंती केवल औपचारिक अवसर नहीं है, बल्कि यह हमें आत्ममंथन करने और अपने जीवन में उनके आदर्शों को उतारने का अवसर प्रदान करती है। इस प्रकार के कार्यक्रम सामाजिक चेतना बढ़ाने, मित्रता और संवाद को प्रगाढ़ करने और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने में भी सहायक होते हैं।

हर्बल पार्क में ठहराव के दौरान सभी प्रतिभागियों ने पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सहयोग और सामुदायिक सेवा के विषयों पर भी विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जीवन के हर पहलू में संतुलन और सरलता की शिक्षा दी है। उनका जीवन सामाजिक समरसता, आपसी सहयोग और नैतिक मूल्यों की मिसाल है।

यात्रा समाप्त होने के बाद प्रीम स्वीट्स लौटते हुए सभी प्रतिभागियों ने आगामी आयोजनों में सक्रिय भागीदारी और ऐसे आयोजनों को नियमित रूप से आयोजित करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि बापू के आदर्शों पर आधारित यह यात्रा और विचार-विमर्श भविष्य में भी जारी रहेगा, ताकि युवा पीढ़ी में सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों की भावना बनी रहे।

प्रतिभागियों ने यह भी साझा किया कि गांधी जयंती का यह अनुभव व्यक्तिगत विकास, मित्रता और सामाजिक चेतना के लिए प्रेरक रहा। उन्होंने कहा कि हम सभी को बापू के जीवन और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर अपने समाज और देश के विकास में योगदान देना चाहिए।

इस अवसर पर आयोजित इस यात्रा और विचार विमर्श ने यह साबित कर दिया कि गांधी जी के आदर्श केवल इतिहास में सीमित नहीं हैं, बल्कि आज भी हमारे जीवन और समाज में मार्गदर्शन का स्रोत हैं। प्रतिभागियों ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए संगठन और मित्रमंडली की सराहना की।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने गांधी जी के प्रेरक उद्धरणों का आदान-प्रदान किया और जीवन में उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और गांधी जी के आदर्शों को व्यापक रूप से फैलाने का प्रयास जारी रहेगा।